बाफना पब्लिक स्कूल ने दी पालकों को राहत | Bafna public school ne di palko ko rahat

बाफना पब्लिक स्कूल ने दी पालकों को राहत

बाफना पब्लिक स्कूल ने दी पलकों को को राहत

मेघनगर (जियाउल हक क़ादरी) - पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है, वही हर सक्षम व्यक्ति यह प्रयास भी कर रहा है कि किसी न किसी तरह प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष हमारे द्वारा जितना सहयोग हो सके उतना करने की आकांक्षा मन में लेकर अपने से जुड़े व्यक्तियों को सहयोग भी पहुंचा रहे हैं। इसी महामारी का असर शिक्षा के क्षेत्र पर भी पड़ा है प्रत्येक पालक अपने बच्चों को बिमारी से सुरक्षित रखते हुए उन्हें पूरी शिक्षा मिले यही प्रयास कर रहे हैं। 3 माह पूरे देश मे लॉकडाउन के बाद हर व्यक्ति अपने व्यवसाय में टूट चुका है फिर भी बच्चों को पढ़ाने की आस  माता पिता बांधे हुए हैं, शासन द्वारा हर स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि उनके द्वारा स्कूल फीस न लेते हुए ट्यूशन फीस लेकर हर क्लास की गाइडलाइन तय कर दी गई है। जिसमें नर्सरी से लेकर 12वीं तक की ट्यूशन फीस करीबन 15000 से लेकर 28000 के करीबन बनती है ऐसी स्थिति में पालक द्वारा यह राशि भी वाहन करना काफी मुश्किल पड़ रहा नगर की एकमात्र संस्था बाफना पब्लिक स्कूल जोकि अपने स्कूल व्यवसाई के साथ-साथ सेवा भावना भी लिए हुए इस कठिन परिस्थिति में भी बच्चों को केवल शिक्षा व्यवसाय तक ही सीमित नहीं रखना उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानकर उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से, ऐप से कैसे पढ़ा जा सके, बच्चों की समस्या हल की जा सके, निरंतर पालकों से फीडबैक लेते रहे हैं। बाफना पब्लिक स्कूल के प्रबंधक  विनीत जी बाफना एवं  प्रिंसिपल आशुतोष जी व्यास से वार्ता मे उन्होंने बताया कि इस कठिन परिस्थिति में बच्चों का टीचर से जुड़ा रहना बहुत ही जरूरी है, जिससे कि बच्चे और टीचर दोनों के दिमाग में नकारात्मक विचार उत्पन्न नहीं होते हैं यदि टीचर भी उनसे दूरी बनाकर रखेगा तो बच्चे एवं टीचर दोनों के मन में ही नकारात्मक स्थिति पैदा हो सकती है। काफी प्रयास करने के बाद संस्था के प्रबंधक एवं टीचरों द्वारा एप के माध्यम से सभी बच्चों को नोट्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं एवं बच्चों की हर समस्या को हल करने के लिए 24 घंटे व्हाट्सएप के माध्यम से शिक्षक उनसे निरंतर जुड़े हुए हैं, साथ ही संस्था द्वारा नोट्स इजीली बच्चों को उपलब्ध हो जाए इस हेतु नगर में स्टेशनरी की दुकानों पर भी केवल फोटो कॉपी चार्ज पर नोट्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं साथ ही पलकों को थोड़ी सी और राहत मिले इस ओर कदम बढ़ाते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया कि जो शासकीय गाइडलाइन के अनुसार ट्यूशन फीस वर्ष भर की बन रही है उसमें 30 परसेंट की कटौती और की जाएगी। इसका फायदा पूरा संस्था के सभी बच्चों को मिले एवं इस कठिन परिस्थिति में भी उनकी पढ़ाई पर कोई असर ना पड़े चाहे स्कूल को नुकसान सहन करना पड़े। मोटी मोटी नुकसान राशि का जब हमने अनुमान लगाया तो वह लाखों में दिखाई पड़ी जब इस बारे में हमने यशवंत जी बाफना से चर्चा की  तो उन्होंने बताया कि हम लक्ष व्यवसाई के साथ-साथ ऐसी परिस्थिति में अपनों को सहयोग करना भी है साथ ही उन्होंने बताया कि ऐसे कई बालक है जो इतनी फीस भी नहीं वहन कर सकते ऐसे 70 से 80 बच्चों को हम निशुल्क भी पढ़ा रहे हैं। बाफना पब्लिक स्कूल में करीबन 750 बच्चे नर्सरी से लेकर 12वीं तक अध्यन कर रहे हैं, जहा एक और व्यवसाय में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर बाफना पब्लिक स्कूल द्वारा यह इतिहासिक निर्णय लेकर नगर एवं आसपास के रहने वाले बच्चों को काफी राहत की सास पहुचाने वाला है।

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