अधिकारी और कर्मचारियों को राजनैतिक दवाब में परेषान किया जा रहा
कलेक्टर राजनैतिक दबाव में मनमाने निर्णय ले रही है - विधायक पटेल
अलीराजपुर। (रफीक क़ुरैशी) - कोरोना महामारी के इस दौर में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने पर ध्यान देने के बजाय जिले की कलेक्टर द्वारा राजनैतिक दवाब में अधिकारी और कर्मचारियों को स्थानांतरित करने और अपात्र लोगों को बीआरसी और बीईओ का प्रभार सौंपकर मनमाने निर्णय लगातार लिए जा रहे है। ऐसे में अधिकारी और कर्मचारियों में हताषा और निराशा का माहौल है। ऐसे ही एक मामले में कलेक्टर ने सोंडवा तहसीलदार निर्भयसिंह पटेल का तबादला सिर्फ इसलिए कर दिया कि उन्होने दबाव में आकर एक चोकीदार को नहीं हटाया था। जिसके कारण उन्हें कलेक्टर के कोप का भाजन बनना पडा। यदि कलेक्टर ने अधिकारी और कर्मचारियों को अनावष्यक रूप से परेषान करना बंद नहीं किया तो जनता के हित और विकास के लिए हमें आंदोलन के लिए मजबूर होना पडेगा। ये बात विधायक मुकेष पटेल ने गुरूवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कही।विधायक पटेल ने कहा कुछ दिनो पहले आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त मीना मंडलोई से चार्ज लेकर एक डिप्टी कलेक्टर जो परीविक्षा अवधि में है उनको चार्ज सौंपकर विभाग का मुखिया बना दिया गया। जबकि सहायक आयुक्त के पद पर मीना मंडलोई कार्य संभाल कर षिक्षा व्यवस्था पर लगातार ध्यान दे रही थी। वहीं जिले में कई पात्र षिक्षक होने के बावजूद भी शासन के निर्देषों की धज्जियां उडाते हुए अपात्र लोगों को जोबट, सोंडवा, चंद्रषेखर आजाद नगर में बीआरसी व बीईयों के पद पर नवाज दिया गया। इस प्रकार राजनैतिक दवाब में कलेक्टर द्वारा मनमाने निर्णय लेकर बेहतर कार्य करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को हतोत्साहित किया जा रहा है।
*विधानसभा में उठाएंगे क्षेत्र के विभिन्न मुद्दे*
विधायक पटेल ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में इस मुददे सहित क्षेत्र के कई अन्य ज्वलंत समस्याओं और मुद्दों के संबंध में विधानसभा में प्रष्न पुछुंगा। जिले में आला अधिकारी जनता की समस्याएं हल करने और विकास कार्य करने के बजाय राजनैतिक दबाव में आकर मनमाने निर्णय लेकर जनता के लिए परेषानी का सबब बन रहे है। आज तक कलेक्टर ने जिले में कोई उल्लेखनीय विकास कार्य करने की बात तक नहीं की है और न ही इस संबंध में कोई कार्ययोजना प्रस्तावित की है।
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