रोजगार सहायकों को बर्खास्तगी के बाद किया गया बहाल | Rojgar sahayako ko barkhastgi ke baad kiya gaya bahal

रोजगार सहायकों को बर्खास्तगी के बाद किया गया बहाल


डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - जिले में रोजगार सहायकों को बर्खास्त करने के बाद जिला पंचायत से उनको मनमानी पूर्वक बहाल करने के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। संबंधित मनमानी की शिकायत कलेक्टर तक पहुंच गई है। आरोप लग रहे हैं कि जनपद सीईओ द्वारा जिन रोजगार सहायकों को गंभीर अनियमितता सिद्घ होने के बाद सेवा से पृथक किया गया था उन रोजगार सहायकों को मनमानी पूर्वक बहाल कर दिया गया। समनापुर जनपद के ग्राम पंचायत प्रेमपुर के रोजगार सहायक संतोष कुमार पाराशर सहित डिंडौरी जनपद के ग्राम पंचायत पौंडी माल में भी इसी तरह का मामला सामने आ रहा है। रोजगार सहायकों ने शासकीय राशि का बेखौफ होकर दुरुपयोग किया और उसके बाद उन्हें बिना कड़ी कार्रवाई के बहाल कर दिया गया। जिन अनियमितताओं के चलते संबंधित रोजगार सहायकों पर पद से पृथक करने तक की कार्रवाई की गई थी वे अनियमितताएं ज्यों की त्यों बरकरार हैं। प्रेमपुर में तो स्थिति यह है कि रोजगार सहायक की लाखों की अनियमितता को नजर अंदाज कर एकतरफा बहाल कर दिया गया। अब यही रोजगार सहायक बेखौफ होकर फिर उसी तरह के कार्य में लग गए हैं।


रोजगार सहायक ने पत्नी के खाते में डाली थी शौचालय की राशिः

 डिंडौरी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत पौंडी माल में पदस्थ रहे रोजगार सहायक भगत लाल हथेश्वर पर गंभीर आरोप अनियमितता के लगे थे। ग्रामीणों की शिकायत के बाद जनपद सीईओ ने इसकी जांच कराई। जांच में यह स्पष्ट रुप से सामने आया कि 20 शौचालय का निर्माण कार्य नहीं कराया गया व रोजगार सहायक द्वारा हितग्राहियों के शौचालय निर्माण कार्य की राशि हितग्राहियों के खाते से आरटीजीएस के द्वारा अपनी पत्नी कृष्णा बाई के खाते में हस्तांतरित कर ली। दो लाख 40 हजार की अनियमितता सामने आई थी। इसी तरह रोजगार सहायक पर रोजगार गारंटी का कार्य भी मनमानी पूर्वक करने के आरोप लगे थे। 29 जनवरी 2020 को जनपद सीईओ द्वारा संबंधित रोजगार सहायक की सेवा समाप्ति करने के साथ अनियमितता की राशि वसूली करने का आदेश जारी किया था। आदेश में रोजगार सहायक भगत लाल हथेश्वर का अनुबंध समाप्त कर संविदा सेवा से पृथक किया गया था। इसी मामले में जिला पंचायत से संबंधित को बहाल कर दिया गया। 

शिकायत में लगाए गए हैं इस तरह के आरोपः

 कलेक्टर कार्यालय में जो शिकायत की गई है उसमें तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ सहित एपीओ रामजीवन वर्मा, लिपिक गिरीश वास्पे पर भी आरोप लगाए गए हैं। शिकायत में उल्लेख किया गया है कि धारा 40 व 92 के मामलों में मनमानी की गई है। आरोप लगाए गए कि ग्राम पंचायत कूंडा में भर्ती प्रकरण के साथ ग्राम पंचायत सरहरी में मनमानी का मामला सामने आया था। शिकायत के बाद भी इन मामलों को दबा दिया गया। संबंधित की जांच कराने की मांग की जा रही है। इसी तरह आरोप है कि कई सचिव जो निलंबित थे उन्हें अंतिम समय में आनन फानन में बहाल किया गया है। बहाल की प्रक्रिया की जांच कराने की मांग की गई है। बताया गया कि जिला पंचायत में जो शिकायतें आती थीं उन्हें दबा दिया जाता था। उन सभी शिकायतों की जांच की मांग भी की गई है। शिकायत में बीआरजीएफ योजना बंद होने के बाद शेष राशि शासन को समर्पित की जानी थी लेकिन इस राशि को मनमानी पूर्वक साठगांठ कर ग्राम पंचायतों को जारी करने के भी आरोप लगाए गए। इस मामले में आनंद मौर्य द्वारा कहा गया कि उन्हें इस शिकायत के संबंध में कोई जानकारी ही नहीं है। मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है उसे मैं गंभीरता से निभा रहा हूं।

वर्जन.........

संबंधित मामलों को देखना पड़ेगा। उसको देखकर ही कुछ बताया जा सकता है। जो भी आवश्यक होगा इस संबंध में किया जाएगा।
अरुण कुमार विश्वकर्मा
जिला पंचायत सीईओ डिंडौरी।

मैं जानता हूं यह सब कौन करवा रहा है। मौर्या शिकायत करवा रहा है। मैंने ज्यादा गंभीर काम नहीं किया है। जांच हो जाए दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी हो जाए मैं तैयार हूं। जहां तक बर्खास्त प्रेमपुर रोजगार सहायक बहाली का मामला है तो उसमें जरूर यह समस्या हो गई कि मैंने जनपद सीईओ का अभिमत नहीं लिया। नौकरी के दौरान कार्य करने में कुछ गलती हो ही जाती है।
एमएल वर्मा
तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ डिंडौरी।

इस मामले में हम कुछ नहीं जानते हैं। हमने किसी को बहाल नहीं किया है। जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह निराधार हैं। जब जब कोई नए सीईओ आते हैं तो मेरी शिकायत की जाती है। जिला पंचायत में यह सब चलता रहता है।
रामजीवन वर्मा
एपीओ जिला पंचायत डिंडौरी

जिला पंचायत के लोग ही शिकायत कराए होंगे। शिकायत कराने वालों का नाम भी मैं जानता हूं। सीईओ साहब जांच के लिए कमेटी बनाएंगे, जो कार्रवाई होगी उसके लिए तैयार हैं। जहा तक मुझे जानकारी है 3 लोगों का नाम है। शिकायत के बारे में मुझे भी जानकारी मिली है।
गिरीश वास्पे
लिपिक जिला पंचायत डिंडौरी।

रोजगार सहायक ने गंभीर अनियमितता की थी। शौचालय की राशि अपनी पत्नी के खाते में डालने के साथ अन्य निर्माण कार्यों में भी संबंधित ने मनमानी की थी। शिकायत के बाद जांच हुई और जांच में अनियमितता सिद्घ होने के बाद भी उसे पद से पृथक किया गया था। जिला पंचायत से संबंधित को जब बहाल किया जा रहा था तो मेरे सहित पूरे गांव के लोगों ने विरोध किया था। विरोध के चलते ही बहाल तो किया गया लेकिन दूसरी पंचायत में पदस्थ कर दिया गया। इसमें बड़ा खेल होने के भी आरोप हैं।
डीमन सिंह
सरपंच ग्राम पंचायत पौंडी माल।

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