पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस के नेतृत्व में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती मनाई | Purv mantri archana chitnis ke netritv main dr shyama prasad mukharji

पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस के नेतृत्व में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती मनाई

डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के आदर्श आज भी हमें सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते है - अर्चना चिटनिस

पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस के नेतृत्व में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती मनाई

बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - सोमवार को श्रद्धेय डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर मध्यप्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने बुरहानपुर में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी नेत्र चिकित्सालय स्थित मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। 

इस दौरान पर पूर्व नगर निगमाध्यक्ष मनोज तारवाला, जनपद अध्यक्ष किशोर पाटिल, बलराज नावानी, नरहरि दीक्षित, सँभाजीराव सगरे, किशोर राठौड़, शिवकुमार पासी, रुर्देश्वर एंडोले, किशोर कामठे, आशीष शुक्ला, अजहर उल हक, आर.पी.श्रीवास्तव, सदु गुप्ता, चंचल कुशवाह, अमोल भगत, डॉ. महेंद्र चौधरी, करण चौकसे, भूषण पाठक, प्रवीण घायटे, उमेश देवस्कर सहित अन्य जनप्रतिनिधी व कार्यकर्तागण मौजूद रहें।


श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के आदर्श आज भी हमें सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। इस वर्ष डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती महत्व और भी बढ़ जाता है कि उनके द्वारा कश्मीर के लिए किए गए आंदोलन और भारत की अखंडता के लिए दिए गए बलिदान को मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और 35-ए को हटाकर उनके बलिदान और उनके संकल्प को इस वर्ष पूर्ण किया गया। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी का जन्मदिन होकर हमारे प्रिय एक नई उर्जा एवं नये प्राण का संचार करने वाला अवसर होता है। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने सदैव राष्ट्रीय एकता की स्थापना को प्रथम लक्ष्य रखा। उन्होंने अपने ज्ञान और विचारों से तथा तात्कालिक परिदृश्य की ज्वलंत परिस्थितियों का इतना सटीक विश्लेषण किया कि समाज के हर वर्ग और तबके के बुद्धिजीवियों को उनकी बुद्धि का कायल होना पड़ा।

श्रीमती अर्चना चिटनिस ने डॉ. मुखर्जी कश्मीर में एक प्रधान, एक विधान व एक निशान की मांग को लेकर दिए बलिदान का उल्लेख करते उनके जीवन पर प्रकाश डाला। डॉ. मुखर्जी भारत माता के सच्चे सपूत थे। उन्होंने कश्मीर सहित समूचे देश की एकता व अखंडता के लिए बलिदान दिया। उनके बताए मार्ग पर भारतीय जनता पार्टी चल रही है। आज देश में अगर भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार हैं तो इसमें हमारे पितृ पुरुषों के त्याग व तपस्या का योगदान है। हम पं. दीनदयालजी उपाध्याय के एकात्म मानववाद का दर्शन लेकर चल रहे हैं।

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