नेपानगर की विधायक ने बनाया था प्रतिनिधि, नकली नोट के कारोबारियों में प्रतिनिधि का नाम हुआ उजागर
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - नकली नोट बनाने वाले शातिर गिरोह को उज्जैन की एसटीएफ ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने दो आरोपियों को 9 लाख के नकली नोट के साथ धर दबोचा है। जानकारी के अनुसार मुखबिर से सूचना मिली कि सुनील पाटिल व श्रीराम गुप्ता नाम के दो व्यक्ति स्कूटी वाहन क्रमांक एम.पी 46 एम.के 9687 से इंदौर से उज्जैन की और आ रहे है। जिनके पास दो-दो हजार के नकली नोट है। जिस पर कार्यवाही करते हुए उज्जैन एसटीएफ की टीम ने दोनों को रंगे हाथों दबोच लिया। दोनों आरोपी कई वर्षों से नकली नोट का कारोबार कर रहे थे। सुनील पाटील बुरहानपुर जिले के खकनार तहसील का निवासी है, और उस पर पहले भी नकली नोट बना कर मार्केट में सप्लाई करने का मामला पंजीबद्ध है। वही दूसरा आरोपी बड़वानी जिले की सेंधवा तहसील का है।
नेपानगर की कॉंग्रेस विधायक श्रीमती सुमित्रादेवी कास्डेकर के विधायक प्रतिनिधि किरन सोंडकर का नाम भी आया सामने। विधायक सुमित्रादेवी कास्डेकर के द्वारा आबकारी विभाग में प्रतिनिधि बनाये गये किरन सोंडकर भी नकली नोट के कारोबार में लिप्त पाये गये है। जिसका खुलासा उज्जैन एसटीएफ के द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट में भी है। उज्जैन एसटीएफ की टीम द्वारा जब सुनील पाटील से पूछताछ की गई तो उसने मांजरोद के किरन सोंडकर को भी नकली नोट देने की बात कबूली है। अब देखना यह दिलचस्प होंगा की कांग्रेस विधायक से जुड़े इस व्यक्ति से और भी कई राज उजागर हो सकते है। नेपानगर विधानसभा में वर्षो बाद कांग्रेस की वापसी हुई है। कार्यकर्ताओ को एक जुट रखने व पार्टी को मजबूत बनाने के लिए विधायक कास्डेकर द्वारा दर्जनों कार्यकताओं को अलग अलग विभागों में प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया गया। जिसमें से कुछ आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल है। नेपानगर विधायक सुमित्रादेवी कास्डेकर को जैसे ही मामले की जानकारी लगी तो तुरंत तत्काल प्रभाव से किरन सोंडकर को प्रतिनिधि के पद से बर्खास्त कर दिया गया। और कहा कि वह कांग्रेस समर्पित था इस लिए उसे प्रतिनिधि बनाया गया था। हमे यह बिल्कुल पता नही था कि वह इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल है। लेकिन उसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।
Tags
burhanpur