जंगल एवं वनकर्मियों की सुरक्षा हेतु आधुनिक संसाधन उपलब्ध करायेंगे | Jungle evam vankarmiyo ki ki suraksha hetu adhunik sansadhan upalabdh karaenge

जंगल एवं वनकर्मियों की सुरक्षा हेतु आधुनिक संसाधन उपलब्ध करायेंगे

वन मंत्री डॉ. शाह ने दूरस्थ ग्राम आंवल्या में वन विभाग के अधिकारियों की बैठक ली

जंगल एवं वनकर्मियों की सुरक्षा हेतु आधुनिक संसाधन उपलब्ध करायेंगे

खण्डवा। प्रदेश में जंगलों की सुरक्षा व वनवासी परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जायेंगे। साथ ही वनों की रक्षा के लिए तैनात वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जायेगा। जंगलों एवं वन कर्मियों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध कराये जायेंगे। यह बात प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने रविवार को आदिवासी बहुल विकासखण्ड खालवा के दूरस्थ ग्राम आंवल्या में वन विभाग के अधिकारियों की बैठक में कही। बैठक में मुख्य वन संरक्षक श्री एस.एस. रावत के साथ साथ खण्डवा, बुरहानपुर, खरगोन और बड़वानी जिलों के वन मण्डलाधिकारी भी मौजूद थे। वन मंत्री डॉ. शाह ने बैठक में कहा कि जंगलों की सुरक्षा के लिए नाईट विजन कैमरे युक्त ड्रोन क्रय किए जायेगे, जिनसे दिन में व रात में दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित जंगलों की सुरक्षा की मॉनिटरिंग आसानी से की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि वन अधिकारियों व वन रक्षकों की सुरक्षा के लिए हथियार व वायरलेस सेट की व्यवस्था भी की जायेगी। वन मंत्री डॉ. शाह ने बैठक में कहा कि 3 वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ वन अमले को स्थानांतरित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी वन रक्षकों का हर साल में एक बार रिफ्रेशर कोर्स प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जायेगा। वन मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि वे हर माह में दो बार वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों से वन अधिकारियों से चर्चा कर नियमित रूप से समीक्षा करेंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन व वन भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए सख्त कार्यवाही की जायें। 


उन्होंने सभी वन मण्डलाधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी 15 अगस्त तक सभी पात्र परिवारों को वनाधिकार पट्टे हर हाल में वितरित कर दिए जायें। उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी परम्परागत कार्यो के साथ साथ वन क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों के कल्याण के लिए नवाचार भी करें। उन्होंने कहा कि वनवासी भाईयों को उनके गांव में ही आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वरोजगार स्थापित करने हेतु मदद दी जायेगी। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी परिवारों को उद्यानिकी, मछली पालन, सब्जी उत्पादन जैसे व्यवसायों का प्रशिक्षण दिलाकर उनकी आय बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। वन मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि आंवल्या में वन कर्मचारियों को इन व्यवसायों के संबंध में प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि ये वन रक्षक अपने अपने गांव में वनवासियों को प्रशिक्षित कर सकें। उन्होंने सभी वन रक्षकों से कहा कि वे अपने अपने गांव में हर सप्ताह वनवासियों की बैठक लें, साथ ही वन ग्रामों में पदस्थ अन्य विभागों के कर्मचारियों के साथ सामंजस्य स्थापित करने हेतु उनसे नियमित रूप से सम्पर्क करें, ताकि उन विभागों की गतिविधियों से वनवासी लाभान्वित हो सके। वन मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि वनों की सुरक्षा के लिए पत्थर की बाउन्ड्रीवाल बनाने को प्राथमिकता दी जाये, क्योंकि इससे ग्रामीणों को अधिक रोजगार मिलता है तथा पत्थर की बाउन्ड्रीवाल अधिक समय तक सुरक्षित रहती है। उन्होंने कहा कि वन विभाग के काष्ठागारों में रखी कीमती लकड़ी की सुरक्षा के लिए सभी डिपो में फायर फायटर व अग्नि शामक यंत्र उपलब्ध कराये जायेंगे। बैठक में मुख्य वनसंरक्षक श्री रावत ने बताया कि वन वृत्त खण्डवा में चार जिले के 6 डिवीजन शामिल है। वन वृत्त खण्डवा में 18 सब डिवीजन तथा 24 रेंज है। उन्होंने बताया कि वन वृत्त खण्डवा में वनों की सुरक्षा के लिए 33 वन चौकी तथा 8 जल चौकी स्थित है। इससे पूर्व मुख्य वन संरक्षक श्री रावत ने वन मंत्री डॉ. शाह को पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया।

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