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शर्मनाक वारदात: हरिद्वार में मां ने ही अपनी नाबालिग बेटी को दोस्तों के सामने परोसा, पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज darj Aajtak24 News |
हरिद्वार/उत्तराखंड - देवभूमि हरिद्वार से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने मां-बेटी के पवित्र रिश्ते को तार-तार कर दिया है और मानवीय मूल्यों पर गहरा आघात पहुँचाया है। यहां एक 13 साल की नाबालिग बच्ची ने अपनी ही जननी और उसके पुरुष मित्रों पर यौन शोषण के बेहद संगीन आरोप लगाए हैं। इस दिल दहला देने वाले खुलासे के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी मां और उसके एक दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मामले का तीसरा आरोपी अभी फरार है। यह घटना पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
पवित्र रिश्ते का काला सच: नाबालिग की जुबानी, मां की दरिंदगी की कहानी
यह मामला हरिद्वार के रानीपुर थाना क्षेत्र का है, जिसने सभी को हतप्रभ कर दिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी महिला अपने पति से अलग रह रही थी। आरोप है कि इसी दौरान उसने अपनी 13 वर्षीय मासूम बेटी को अपने बॉयफ्रेंड और उसके एक दोस्त के सामने 'परोस' दिया। यह घिनौना कृत्य कई बार दोहराया गया। पीड़िता किशोरी ने आखिरकार हिम्मत जुटाई और अपने पिता को अपनी आपबीती सुनाई, जिसके बाद यह भयानक सच सामने आया। बेटी की शिकायत पर उसके पिता ने पुलिस से संपर्क किया और न्याय की गुहार लगाई।
पुलिस की तत्परता: पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई और गिरफ्तारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जरा भी देर नहीं लगाई। पीड़ित किशोरी और उसके पिता की शिकायत के आधार पर आरोपी महिला के खिलाफ पॉक्सो (लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण) एक्ट और भारतीय दंड संहिता की अन्य संबंधित धाराओं में तत्काल मुकदमा दर्ज किया गया। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने इस संजीदा मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया, "थाना रानीपुर में एक नाबालिग बच्ची द्वारा अपनी मां पर लगाए गए आरोपों का मामला हमारे संज्ञान में आया था। पुलिस ने तुरंत संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया और पीड़िता का धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया गया। इसके बाद उसका मेडिकल भी कराया गया। एसएसपी डोबाल ने आगे पुष्टि की, "मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची द्वारा कही गई बातों की पुष्टि हुई है, जिससे प्रथम दृष्टया आरोपों को सही माना गया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें बच्ची की मां भी शामिल है। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस मामले में एक अन्य आरोपी अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है और उसे भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। सभी संबंधित लोगों से पूछताछ की गई है।
नैतिक पतन की पराकाष्ठा: क्या सुरक्षित हैं हमारे बच्चे?
यह घटना हरिद्वार में बच्चों की सुरक्षा और समाज में गिरते नैतिक मूल्यों पर एक बार फिर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है। यह सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि मां-बेटी के रिश्ते की पवित्रता पर एक गहरा घाव है, जो समाज के ताने-बाने को झकझोर कर रख देता है। गौरतलब है कि हाल ही में मई महीने में भी हरिद्वार में हर की पैड़ी के पास अगवा हुई चार साल की एक बच्ची का शव मिला था, जिसकी गला घोंटकर हत्या की गई थी और उससे पहले दुष्कर्म की आशंका जताई गई थी। एक के बाद एक बच्चों से जुड़े ऐसे जघन्य अपराध यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि आखिर हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है। इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऐसे जघन्य अपराधों को रोकने के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर काम करने की सख्त आवश्यकता है।