जिले में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भडके विधायक पटेल, मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की
अलीराजपुर। (रफीक क़ुरैशी) - जिले में आए दिन डाक्टर्स, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही से स्वास्थ्य सेवाए दिन ब दिन लचर और बदहाल होने पर विधायक मुकेश पटेल ने कडी नाराजगी जताते हुए सीएम को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। सीएम को लिखे पत्र में विधायक पटेल ने बताया कि जिले में डाॅक्टरों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही से स्वास्थ्य सेवाए दिन ब दिन लचर और बदहाल होती जा रहीं है। जिसके कारण जिले के कई ग्रामीण मरीज मौत और जिंदगी के बीच जूझते है और मजबूरी में गुजरात सहित प्रदेश के अन्य अस्पतालों में इलाज करवाने जाते है। जिससे उन्हें भारी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पडता है।
*आदिवासी क्षेत्रों के लोगो के साथ हो रहा खिलवाड़*
सरकार एक तरफ तो मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने का ढिंढोरा पिटती रहती है लेकिन अलीराजपुर जिले में आदिवासी लोगों के स्वास्थ्य के साथ जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी ही खिलवाड कर मामूली गंभीर बिमारी होने पर भी उन्हे अन्यत्र रेफर कर देते है। ऐसे में अधिकांश मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पडता है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में विधायक पटेल ने बताया कि विगत माह जिले के विकास लखण्ड सोण्डवा क्षैत्र के ग्राम उमरठ की महिला (सीना पति सुशील सोलंकी) को गर्भवती होने पर प्रसूति के लिए सोण्डवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया, लेकिन तकलीफ बढ़ने से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां एक महिला चिकित्सक ने सीजर का कहकर वहा से प्रायवेट केसर अस्पताल, छोटाउदयपुर (गुजरात) हेतु रेफर कर दिया गया। वहा पर सीजर से डिलेवरी करने के बाद बच्चे को आईसीयू में रखने के दो दिन बाद बच्चे की मौत हो गई और महिला के पेट में सूजन आ गई। वहा के डाॅक्टरों ने महिला का पुनः ऑपरेशन किये जाने के बाद भी उसके स्वास्थ में कोई सुधार नहीं हुआ है। पीडित महिला के परिवार वालो का आरोप है कि हमारे बच्चे को बदल कर मृत बच्चा सौंपा गया और पीडित महिला के शारीरिक अंग निकाल लिए गए है। इस संबंध में समाचार-पत्रों में भी प्रमुखता से खबरे प्रकाशित हुई थी। वहीं जिला अस्पताल में गत 23. जुलाई को एक घटना में एक ही नाम की महिला के बच्चे बदल दिये जाने की गंभीर लापरवावाही उजागर हुई। दरअसल रेशमा पति सरदार निवासी मोरासा ने आठ दिन पहले एक बच्चे को जन्म दिया बच्चा कमजोर होने से उसे एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया था। वही 23 जुलाई को रेशमा पति राजू ने 7 माह के बच्चे को जन्म दिया जो कम वजन का होने से उसे भी एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया। करीब दो घंटे बाद रेशमा पति राजू के बच्चे की मृत्यु हो गई। जिसके बाद ड्युटी डाॅक्टर और नर्स ने रेशमा पति सरदार को बताया की आपके बच्चे की मृत्यु हो गयी है। जिसके कारण अस्पताल में भारी हंगामा हुआ। इसके कारण जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जनता में भय का वातावरण बनता जा रहा है। आगे भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा इस तरह की लापरवाही बरती जाती है तो स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति लोगो का विश्वास उठ जाएगा। विधायक पटेल ने इस तरह की लापरवाही बरतने वाले अधिकारी और कर्मचारी के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही कर उन्हें यहा से अन्य जिले में स्थानांतरित करने की मांग की।
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