इच्छादेवी मंदिर ट्रस्ट एवं गायत्री परिवार ने मिलकर, तरु पौधा लगाकर एक नई परंपरा की शुरुआत की | Ichchadevi mandir trust evam gayatri parivar ne milkar taru podha

इच्छादेवी मंदिर ट्रस्ट एवं गायत्री परिवार ने मिलकर, तरु पौधा लगाकर एक नई परंपरा की शुरुआत की

इच्छादेवी मंदिर ट्रस्ट एवं गायत्री परिवार ने मिलकर, तरु पौधा लगाकर एक नई परंपरा की शुरुआत की

बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - इच्छादेवी मंदिर माँ के दरबार मे कलावा बांध कर प्रायः भक्तजन अपनी मनोकामनाये मांगते है, किंतु जिले में स्थित माँ इच्छादेवी पर गायत्री परिवार व इच्छादेवी ट्रस्ट ने मिलकर आज एक नई परंपरा की शुरुवात की। जिसमे श्रद्धालू कलावे के स्थान पर माँ के दरबार मे एक पौधा लगाकर मनोकामना मांगे, यह पौधा इच्छा तरु के नाम से जाना जाय। यदि ऐसी स्वस्थ परंपराएं जन आस्थाओ के केंद्रों से प्रारम्भ हो जाय, तो न केवल पर्यावरण सुधरेगा साथ ही पर्यावरण के प्रति जनसामान्य में जन आस्था भी जागेगी। ये बात अखिल विश्व गायत्री परिवार के वृक्षगंगा अभियान के तहत ग्राम इच्छापुर की इच्छादेवी मंदिर की पहाड़ी पर आयोजित 551 तरुपुत्र रोपण महायज्ञ में गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ प्रणव पंड्या ने अपने ऑडियो संदेश में कही। उनके आव्हान पर इच्छादेवी ट्रस्ट व स्थानीय गायत्री परिवार ने इसकी शुरुआत करने का संकल्प लिया। ट्रस्ट के अध्यक्ष फकीरा त्रिपद तोरे ने कहा कि मंदिर में अपनी मनोकामनाये लेकर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शीघ्र ही इच्छातरुओं की व्यवस्था की जाएगी। जिसे रोपित कर वे अपनी मनोकामना देवी से कर सकेंगे। डॉक्टर पण्ड्या ने कहा कि वृक्ष साक्षात विषपाई शिव का रूप है। जो प्रकृति की कार्बन डाइऑक्साइड को पीते हैं, और बदले में प्राण वायु ऑक्सीजन हम सब को उपलब्ध कराते हैं। श्रावण मास में मां इच्छा देवी के दरबार में ऐसे विषपाई शिव के रूप पौधों का रोपण बहुत ही पुण्यदाई कार्य है। उन्होंने इस पुनीत कार्य के लिए गायत्री परिवार तथा इस कार्य में जुटे इच्छादेवी वृक्ष गंगा अभियान समिति के युवाओं को बधाई दी।


प्रातः 10 बजे इच्छादेवी की पहाड़ी पर तरु पुत्र रोपण महायज्ञ सम्पन्न हुआ। जिसमें पर्यावरण संरक्षण के शोधन के साथ राष्ट्र में आई कोरोना जैसी महामारी के निवारण के लिए विशेष आहुतियां प्रदान की गई। यज्ञ में तरु मिलन का कार्यक्रम हुआ जिसमें तरु की पिताओ ने अपने तरु पुत्रों को गोद में लेकर अपने अपने पौधों को पुत्र के रूप में वरण किया। कार्यक्रम के पूर्व इच्छादेवी के मंदिर में त्रिवेणी बड़, पीपल, नीम का पूजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप में संदेश महेश्वरी , विनोद छाबड़िया, मोहन पोद्दार, विजय परिहार, रामअवतार पोद्दार, मोहन सोनी, दिनेश चौधरी, दीपक महाजन, हर्षल महाजन, विलास तोरे, योगेंद्रसिंह ठाकुर, मुकेश देशमुख, अजय उदलकर कैलाश पाटिल आदि उपस्थित थे।

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