गुरुभगवन्त की नेश्राय में ज्ञान दर्शन चारित्र तप का दौर शुरू | Gurubhagvant ki neshray main gyan darshan charitr tap ka dour

गुरुभगवन्त की नेश्राय में ज्ञान दर्शन चारित्र तप का दौर शुरू

नियमित तपस्वियों के साथ वर्धमान आयम्बिल तप के पाया कि शुरुआत

गुरुभगवन्त की नेश्राय में ज्ञान दर्शन चारित्र तप का दौर शुरू

थांदला (कादर शेख) - जिन शासन गौरव आत्मार्थी पण्डित रत्न जैनाचार्य पूज्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. "अणु" बगिया में धर्मदास गण के नायक आगम विशारद, बुद्ध पुत्र प्रवर्तक देव पूज्य श्री जिनेन्द्रमुनिजी म.सा., पूज्य श्री अभयमुनिजी म.सा., पूज्य श्री गिरीशमुनिजी म.सा. एवं पूज्य श्री शुभेषमुनिजी म.सा. व आप ही कि आज्ञानुवर्ती सरलमना पूज्या श्रीनिखिलशीलाजी, पूज्या श्री दिव्यशीलाजी, पूज्या श्री प्रियशीलाजी एवं पूज्या श्री दीप्तिश्रीजी के मंगलमय आशीर्वाद एवं कृपा से 4 जुलाई से चातुर्मास काल प्रारम्भ होने के पूर्व ही रत्न त्रय की आराधना शुरू हो गई है। जानकारी देते हुए श्रीसंघ अध्यक्ष जितेंद घोड़ावत व मंत्री प्रदीप गादिया ने बताया कि पूज्य श्री के चातुर्मास काल मे तेला, उपवास, आयम्बिल आदि तप की निरन्तर लड़ी चलाई जाएगी वही बाल तपस्वी पर्व हेमंत श्रीमाल (तेला) व भव्य जितेंद्रजी घोड़ावत ने (बेला) तप के प्रत्याख्यान लेकर तप की शुरुआत कर दी है। वही श्रीमती अमिता गादिया व श्रीमती श्रेया कांकरिया 4 तारिक से क्रमशः तेले तप की शुरुआत करेंगे व श्रीमती शीला पिचा उपवास तप करेगी। 

नियमित वर्षीतप आराधकों की संख्या बड़ी

धर्म धरा थांदला में धर्म के अंकुरण उपस्थित है तभी यहाँ से 30 आत्माओं ने जैन भगवती दीक्षा ग्रहण कर मोक्ष मार्ग का अनुसरण किया है वही जैनेत्तर में भी अनेक आत्माओं ने सन्यास लेकर आराधना का मार्ग अपनाया है। ललित जैन नवयुवक मंडल अध्यक्ष कपिल पिचा व सचिव जितेंद सी घोड़ावत ने बताया कि यहाँ पर नियमित एकान्तर उपवासव व एकासन (वर्षीतप) करने वालों संख्या में व्रद्धि हुई है। संघ के पूर्वाध्यक्ष भरत भंसाली लगातार 16 वर्ष से एकान्तर उपवास कर रहे है। वही श्रीमती आशा श्रीमाल को 7 वा वर्ष, श्रीमती किरण छाजेड़ व श्रीमती आशा पावेचा को दूसरा वर्ष चल रहा है। इस वर्ष कामिनी अरविंद रुनवाल, किरण प्रमोद पावेचा, श्रीमती पिंकी इंदर रुनवाल, आशुका कमलेश लोढ़ा ने एकान्तर उपवास से से वर्षीतप प्रारम्भ किया है। इसी कड़ी में ललित भंसाली , मंगलेश श्रीमाल, मुकेश चौधरी, पवन नाहर, सरोज शाहजी, अनुपमा श्रीमाल, अलका व्होरा, मनोरमा लोढ़ा, प्रिया तलेरा, कुसुम पोरवाल, सपना व्होरा, स्नेहलता चौधरी ने एकासन से वर्षीतप प्रारम्भ किया है।

वर्धमान आयम्बिल का पाया शुरू संघ ने की व्यवस्था

दूध, दही, घी, तेल, मिठाई, नमक, मिर्च के बिना लुखा व उबला हुआ भोजन केवल एक समय लेना व सूर्यास्त के बाद जल का भी त्याग विधि आयम्बिल कहलाती है जिसे द्रव्य मर्यादा के साथ निरन्तरता प्रदान करने के लिए अंशुल रुनवाल, हंसा रुनवाल, गरिमा श्रीमाल, अनुपमा श्रीमाल, अंतिम श्रीमाल, सुनीता श्रीमाल, मंजुला नाहर, स्मिता घोड़ावत, हंसा पिचा, रेखा पिचा, श्रीकांता लुणावत, आशा नाहटा, विभा जैन, हेमा मेहता, किरण श्रीमाल, चेरी वर्धमान आयम्बिल तप का पाया डाल कर तप की शुरुआत करेंगे। उल्लेखनीय है कि निवि तप से पुखराज व्होरा की 32 वीं, नीता छाजेड़ की 27 वीं, रीता व्होरा की 27 वीं, उषा व्होरा की 11 वीं लड़ी चल रही है। 

ज्ञान आराधना में युवाओं ने दिखाई रुचि

संघ में सन्त पदार्पण से युवाओं में उत्साह का संचार हो गया है। जानकारी देते हुए संघ प्रवक्ता पवन नाहर ने बताया कि चातुर्मास काल में आराध्य के 23 वर्ष बाद मिलें चातुर्मास में गुरुभगवन्त व युवा मुनियों को देख कर मण्डल के युवाओं में रत्नत्रय आराधना करने की रुचि जाग्रत हुई है। प्रातः गुरु दर्शन कर चिंटू श्रीमाल, आगम श्रीमाल, भद्र घोड़ावत, हितांश घोड़ावत, मनन चौधरी, भव्य व्होरा, दिव्यांश व्होरा, कमल श्रीमाल, यश चौपड़ा, दिव्य तलेरा, विरल शाहजी, विशद कुमठ, सुजल लोढ़ा, राजेश सेठिया, चिराग घोड़ावत, अनुदीप छाजेड़, जितेंद सी घोड़ावत, मनीष चौरड़िया आदि जैन धर्म का अति आवश्यक 32 वा आगम आवश्यक सूत्र (प्रतिक्रमण) कंठस्थ कर रहे है। 
धर्म आराधना में सोशल डिस्टेंश व शासन के नियमों का पालन

गुरु भगवंत के पदार्पण को लेकर सकल संघ में खासा उत्साह है। वर्तमान समय मे कोरोना महामारी में शासन के निर्देशानुसार कार्य किये जा रहे है। गुरुभगवन्त के चरण स्पर्श प्रतिबंधित है, उनके श्रीमुख से जिनवाणी रूप मंगल प्रवचन भी स्थगित किये हुए है, वही वे केवल भव्यजनों को आगम रूपी वाचनी फरमा रहे है एवं विविध तप के प्रत्याख्यान दे रहे है व मांगलिक प्रदान कर रहे है। वही सभी श्रावक श्राविकाओं के दर्शन वंदन व मांगलिक श्रवण के लिये प्रातः 7 से 8 व 9 से 10:30, दोपहर 2 से 4 बजे तक का समय निर्धारित किया हुआ है। वही सामयिक प्रतिक्रमण आराधना में सोशल डिस्टेंश का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। वही संघ ने सर्दी खांसी व बुखार आदि कोरोना के समान लक्षणों वालों व अस्वस्थ्य गुरुभक्तों से निवेदन करते हुए उन्हें स्थानक में प्रवेश नही कर घर पर ही धर्माराधना करने को कहा है। बाहर से पधारें दर्शनार्थियों के संघीय आतिथ्य व संघ व्यवस्था के लिए नियमित संघ के सदस्यों व ललित जैन नवयुवक मंडल सदस्यों की ड्यूटी भी लगाई गई है ।

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