कोरोना से जंग जीतकर चार वर्षीय बालिका माता सहित एक अधेड़ उम्र की महिला खुशी-खुशी लोटे अपने घरों को
अलीराजपुर। (रफीक क़ुरैशी) - दिल मे अगर हौसला ओर जज्बा हो तो हर मुसीबत ओर बीमारी आसान हो जाती है। फिर कहते है कि कोरोना वायरस से डरने का नही, बल्कि सुरक्षित होकर उससे लड़ने का है। इस बात को सार्थक किया है एक चार वर्षीय मासूम बालिका ख़दीजा ओर उसकी माता सलमा बानो ओर एक अधेड़ उम्र की दुर्गाबाई 78 वर्ष ने। जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संक्रमण से संघर्ष कर परास्त कर जंग जीतकर आज बुधवार शाम को वह डिस्चार्ज हो गए है। अस्पताल से अपने घर जाते वक्त उनके चेहरों पर खुशी अलग ही झलक रही थी। आइसोलेशन वार्ड से बाहर निकले ही उन्होंने विजय चिन्ह दिखाकर खुशी का इजहार किया। माँ और बेटी को एक साथ विजय होकर अपने घर जाने की ललक अलग ही दिखाई दे रही थी। वही अधेड़ उम्र की महिला का हौसला भी देखने लायक था। इस दौरान अस्पताल प्रशासन एवं स्टॉफ ने उनका उत्साहवर्धन कर उन्हें बिदाई दी।
उल्लेखनीय है की इन तीन मरीजो ने उपचार के दौरान अपना हौसला ओर हिम्मत नही खोई, सतत संघर्ष कर कोरोना से लड़ते ओर जूझते रहे। उनके दिल मे एक ही उमंग थी कि किसी भी तरह से कोरोना को परास्त करना है। तीनो मरीजो को अस्पताल के एम्बुलेंस वाहन के माध्यम से उनके घरों की ओर रवाना किया गया। डिस्चार्ज हो रहे चार वर्षीय बालिका की माता सलमा बानो आजाद नगर ओर दुर्गाबाई अलीराजपुर ने बताया कि उपचार के दौरान मरीजो को कुछ हौसला ओर हिम्मत चिकिसको ओर स्टाफ से मिला। चिकिसको ओर स्टॉफ का व्यवहार और उनकी सेवाएं बहुत अच्छी और काबिले तारीफ़ रही। उनकी बदौलत आज वह सकुशल ओर पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट रहे है। उन्होंने आमजनो को संदेश देते हुवे कहा की कोरोना से डरे नही बल्कि आमजन सावधानियां बरतकर स्वास्थ्य विभाग की जारी एडवाईजरी का परिपालन कर शासन-प्रशासन को सहयोग करे।
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