सावन के अंतिम सोमवार को पड़ रहे रक्षाबंधन पर 36 साल बाद सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान योग | Savan ke antim somwar ko pad rhe rakshabandhan pr 36 saal bad

सावन के अंतिम सोमवार को पड़ रहे रक्षाबंधन पर 36 साल बाद सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान योग

अन्न-धनधान्य के लिए शुभ अवसर

सावन के अंतिम सोमवार को पड़ रहे रक्षाबंधन पर 36 साल बाद सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान योग

डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - नोवल कोरोनावायरस के संक्रमण के बीच 03 अगस्त को पड़ने वाला 2020 का रक्षाबंधन कई मायनों में शुभ रहने वाला है। इस दिन 36 साल बाद सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान योग भी बन रहा है। इस बार रक्षाबंधन भद्रा के बंधन से मुक्त रहेगा। सावन के आखिरी सोमवार को राखी होने के कारण यह योग विशेष है क्योंकि इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग है। साथ ही सूर्य-शनि के समसप्तक योग, सोमवती पूर्णिमा, मकर का चंद्रमा श्रवण नक्षत्र, उत्तराषाढ़ नक्षत्र और प्रीति योग भी बन रहा है। इस संयोग को कृषि क्षेत्र के लिए विशेष फलदायी माना जा रहा है। इसके पहले 1983 में भी यही योग बना था। 

खेती-किसानी के लिए शुभ
अन्न-धनधान्य के श्रेष्ठ अवसर

इस बार भद्रा और ग्रहण का साया भी रक्षाबंधन पर्व पर नहीं पड़ेगा। भद्रा राखी के दिन सुबह 09:32 बजे तक ही रहेगी। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र सोमवार की सुबह 07:26 बजे तक है। फिर श्रवण नक्षत्र लग जाएगा। इसी दिन सुबह 09 से 10:30 बजे तक शुभ, दोपहर 01:30 से 03 बजे तक चर, दोपहर 03 से 04:30 बजे तक लाभ, शाम 04:30 से 06 बजे तक अमृत और शाम 06 से 07:30 बजे तक चर का चौघड़िया मुहूर्त है। सोमवार के दिन रक्षाबंधन पर्व पड़ने से अन्न एवं धनधान्य के लिए श्रेष्ठ अवसर पैदा होंगे। साथ ही खेती-किसानी के लिए संयाेग भी शुभ है।

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