12वी में 90 प्रतिशत लाने पर शहर की कु.मंतशा का मंत्री डॉ.यादव ने किया सम्मान| 12vi main 90 pratishat lane pr shahar ki ku. Mantasha ka mantri dr yadav
12वी में 90 प्रतिशत लाने पर शहर की कु.मंतशा का मंत्री डॉ.यादव ने किया सम्मान
प्रतिदिन 16 घंटे करती थी पढ़ाई, आगे युपीएससी परीक्षा देने का है इरादा
उज्जैन (रोशन पंकज) - शहर के अवन्तिपुरा निवासी कु.मंतशा पिता अय्यूब खान ने बोर्ड परीक्षा में 90.8 प्रतिशत अंक लाकर न सिर्फ अपने परिवार व माता-पिता बल्कि अपने विद्यालय का भी नाम रोशन किया है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि आज के समय में लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों से कहीं आगे है। कु.मंतशा शहर के शासकीय उत्कृष्ट उमावि माधव नगर में कक्षा 12वी की गणित संकाय की छात्रा रही है। विगत दिनों एमपी बोर्ड की कक्षा 12वी के परीक्षा परिणामों में मंतशा ने 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हैं।
मंगलवार को मप्र शासन के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने स्थानीय कार्यक्रम में कु.मंतशा को पेन और तुलसी का पौधा भेंटकर उनका सम्मान किया तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। मंतशा के पिता अय्यूब खान भी शासकीय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी की शुरू से ही पढ़ाई के प्रति विशेष रूचि रही है। उसे कभी भी पढ़ाई करने के लिये टोकना नहीं पड़ता था। मंतशा प्रतिदिन लगभग 16 घंटे खूब मन लगाकर पढ़ाई करती थी। मंतशा की पढ़ाई के प्रति गहरी लगन और कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि वह हर विषय में विशेष योग्यता के साथ परीक्षा में उत्तीर्ण हुई है। मंतशा ने बताया कि भविष्य में वे संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहती है।
मंतशा के 10वी कक्षा में भी 93.6 प्रतिशत अंक आये थे। उनका मानना है कि परीक्षा में सफलता के लिये कठोर परिश्रम के साथ-साथ धैर्य, लगन, रूचि, दृढ़ निश्चय और परिश्रम का सही दिशा में किया जाना बेहद जरूरी है। वे प्रतिदिन प्रात: 4 बजे पढ़ाई करने जाग जाती थी। मंतशा ने अपनी पूरी स्कूली शिक्षा शासकीय उत्कृष्ट उमावि से पूरी की है। उन्होंने बताया कि उनकी सफलता के पीछे उनके शिक्षकों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। उनके विद्यालय में विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक से अध्यापन के लिये स्मार्ट क्लासेस लगाई जाती हैं। इनमें प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ाया जाता है। साथ ही बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिये कक्षा के विद्यार्थियों की एक्स्ट्रा क्लासेस भी लगाई जाती है। परीक्षा के तनाव को कम करने के लिये विद्यार्थियों की काउंसलिंग भी की जाती है।
पढ़ने के लिये शासकीय विद्यालय द्वारा कोर्स की किताबें भी पूर्णत: नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाती हैं। मंतशा का कहना है कि यह आम धारणा है कि निजी स्कूलों में शासकीय स्कूलों से अधिक सुविधाएं होती है या उन स्कूलों में पढ़ाई ज्यादा अच्छी करवाई जाती है, यह पूर्णत: गलत है। उनका परीक्षा परिणाम इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि शासन द्वारा संचालित विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिये सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं, ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें और अच्छी शिक्षा ग्रहण कर भविष्य में जो बनना चाहते हैं, वह बनें। मेधावी छात्र-छात्राओं के लिये शासन द्वारा उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति भी प्रदाय की जाती है। मंतशा और उनके जैसे कई मेधावी विद्यार्थी बस इसी तरह मन लगाकर पढ़ते रहें। उन्हें उनके लक्ष्य तक पहुंचाने के लिये सरकार पूरी तरह से उनके साथ है।
जब एक लड़की शिक्षित होती है तो वह पूरे परिवार को भी शिक्षित करती है। मंतशा ने इस बात को भी शत-प्रतिशत साबित किया है। वह अपने परिवार के सभी छोटे भाई-बहनों को भी पढ़ाती है। मंतशा की उपलब्धि पर उसके पूरे परिवार को बेहद प्रसन्नता और गर्व है। उसके पिता ने बताया कि मंतशा के उज्ज्वल भविष्य के लिये पूरे परिवार का उसे सहयोग मिलता रहेगा तथा उसके हर निर्णय में उसके माता-पिता और परिवार उसके साथ रहेंगे।
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