अहिंसा तीर्थ प्रणेता राष्टसंत आचार्य श्री 108 प्रमूखसागरजी महाराज से केंबीनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने लिया आशीर्वाद | Ahinsa tirth praneta rashtsant acharya shri 108 pramukh sagar ji maharaj

अहिंसा तीर्थ प्रणेता राष्टसंत आचार्य श्री 108 प्रमूखसागरजी महाराज से केंबीनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने लिया आशीर्वाद

अहिंसा तीर्थ प्रणेता राष्टसंत आचार्य श्री 108 प्रमूखसागरजी महाराज से केंबीनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने लिया आशीर्वाद

जावरा (युसूफ अली बोहरा) - मध्य प्रदेश शासन के केबीनेट मत्री  ओमप्रकाश जी सकलेचा सूबह 8.30 बजे जैन मागंलीक भवन जावरा मै आकर आशीर्वाद लीया ओर कहा की मै कही दीनो से आपका आशीर्वाद लेना चाहरहा था। परन्तू ऐसे योग नही आये। मूझे बूघवार को भोपाल मै रीतेश जैन ने बताया की आचार्य श्री का चातुर्मास जावरा है तो मेने उसी दीन आने की स्वीकृति देदी थी । की मै शनीवार को जावरा आचार्य श्री के दर्शन करने आरहा हू।ओर रात को ही  1.00 बजे  जावरा सर्कीटहाऊस मै आकर सोगया था।आचार्य श्री आपकी कठीन तपस्या देखकर मूझे बहूत आश्चर्य होता है की आप एक समय भोजन करना,ऐक समय पानी पीना,ओर पैदल यात्रा करना कीतना कठीन काम है मै घन्य हो गया हूं आपका आशीर्वाद प्राप्त करके। ओर केंबीनेट मत्री ओमप्रकाश जी सकलेचा साहब ने महीला मण्डल की अघ्यक्ष शवेता कोठारी का जन्मदिन पर सम्मान कीया। ओर  आचार्य श्री के मुखारबिंद से कहा गया आत्मा को कैसे परमात्मा में बदलना चाहिए और आदमी का धन  जितने सुख की व्यवस्था करता है  दुख भी उसके साथ पहुंच जाता है  जो धन मुश्किल से कमाता है  और उसको सुरक्षित करने में भी समय बिताता है इस प्रकार से उसका पूरा जीवन बित जाता  है और हमें हमेशा धन का सदुपयोग करना चाहिए आपको हमेशा समझ कर कार्य करना चाहिए लगाओगे तो अच्छा काटोगे तो भी कहेंगे बुरा करेंगे तो भी कहेंगे पर आपको समझ कर अपने कल्याण स्वार्थ बन जाओ और उसकी चिंता करो जो क्षणभंगुर है उसकी चाहा मत करो चाहे ऐसी करो जो अपना कल्याण कर सके सारे दरवाजे बंद होने पर मां-बाप का दरवाजा बंद नहीं हो तो वह भी बंद हो जाए तो गुरु का दरवाजा बंद कभी नहीं होता यदि शीश होना जाए तो वह बात अलग है और गुरु हर वक्त दरवाजा खुला ही रखते हैं पर हम कहते हैं कि संसार में फंसना नहीं है फिर भी संसार में ही क्यों फसे रहते हैं फिर कोई गुरु आते हैं और समझाते हैं तो हम उनको रोको बात मानकर संसार से राग खत्म कर दो जिससे आप व्यस्त हो तो भी आप उससे भी रात नहीं छोड़ते क्योंकि उसके द्वार भी आपका दिल नहीं लगता तो आप दूसरों की चिंता मत कर के अपनी चिंता करें शरीर की चिंता भी करें और काम की चिंता भी करें पर स्वयं की चिंता अवश्य करें यहां जानकारी चातुर्मास समिति के पवक्ता रीतेश जैन ने दी। कायक्रम का सचालन वीजय ओरा नै कीया ।ओर केबीनेट मंत्री ओमप्रकाश जी सकलेचा साहब का स्वागत महावीर जी मादावत, वीजय ओरा, पूखराज सेठी, पवन पाटनी, नरेन्द गोदा, रीतेश जैन, पवन कलशघर, राजकूमार ओरा, राजेश कीयावत, अजय दोशी, राजेश भाचावत, पकंज शाहा आदी लोगो ने स्वागत कीया।

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