अहिंसा तीर्थ प्रणेता राष्टसंत आचार्य श्री 108 प्रमूखसागरजी महाराज ने जीला पचायतं की सू:पूत्री को भाग्यशाली बताया | Ahinsa tirth praneta rashtrsant acharya shri 108 pramukh sagar ji maharaj
अहिंसा तीर्थ प्रणेता राष्टसंत आचार्य श्री 108 प्रमूखसागरजी महाराज ने जीला पचायतं की सू:पूत्री को भाग्यशाली बताया
जावरा (यूसुफ अली बोहरा) - अहिंसा तीर्थ प्रणेता राष्टसंत आचार्य श्री 108 प्रमूखसागरजी जी महाराज ने कहा की जीला पचायतं सदस्य की सूःपूत्री बहूत भाग्यशाली है जो छः महा पूर्व मै 15 दीन के लीये जावरा आया था तब इसका जन्म हूवा था ओर फीर एक दीन के लीये मै जावरा तीर्थ स्थान का भूमी पूजन करने आया था तब इसका नामंकरण मेने कीया था तब इसका नाम जावरा मै तीर्थ स्थान बनरहा है उसी नाम से चेत्या जैन रखा। ओर आज जावरा मै चातुर्मास होरहा है ओर सबसे पहले चांदी की कटोरी ओर सोने की चमच से अन्न प्रासन सस्कार का लाभ लीया।ओर मेरे 45 साल तपस्या मै पहली बालीका देखी जो मेरे सामने जन्म हूवा ओर नामकरणं भी मेरे दुवारा कीया गया ओर आज अन्न प्रासन भी मेरे हाथ से कीया गया। ओर यह बालीका चादंनी ओर रीतेश जैन के लीये बहूत भाग्यशाली है।
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