वीराधना से आराधना की ओर जाने का मार्ग है चातुर्मास- साध्वी श्री विद्धवत गुणाश्रीजी
चातुर्मास हेतु पूज्य साध्वीजी का हुआ मंगल प्रवेश समाजजनो ने की आगवानी
झाबुआ। (अली असगर बोहरा) - विराधना से आराधना की ओर कुमार्ग से सनमार्ग की ओर तथा विभाव से स्वभाव की ओर धर्म क्रिया ले जाता है। चातुर्मास मे होने वाली धार्मिक अनुष्ठान एवं जप तप स्वध्याय मनुष्य जीवन को आत्मा कल्याण की ओर अग्रषित करता है। उक्त उद्गार साध्वी रत्ना परम विदुषी श्री विद्धवत गुणाश्रीजी मसा ने अपने मंगल प्रवेश पर कही। आपने कहा कि जैन धर्म की पाॅच प्रमुख आलंबन है पहला श्री नमस्कार महामंत्र दूसरा श्री सत्रुजयजी, सम्मेतशिखरजी,एवं गिरनारजी जैसे महातीर्थ तीसरा 45 आगमो का विशाल ज्ञान भंडार चैथा पाॅच वृत धारी साधु साध्वी एवं पाॅचवा है वर्षा काल मे चातुर्मास। वैसे तो जैन संत गण सदैव गा्रम गा्रम मे विचरते रहते है। परन्तु चार माह के चातुर्मास काल मे ंएक ही स्थान पर स्थिरता रखते हुये अपने स्व आत्मकल्याण के साथ प्रत्येक प्राणी मात्र के कल्याण के लिये अपना पुरा समय समर्पित करते है। पूज्य साध्वीजी रश्मी प्रभाश्री जी मसा ने कहा कि इस वक्त चल रही कोरोना की महामारी मे ंभगवान श्री महावीर के द्वारा प्रतिपादित सिद्धात ही प्रांसंगिक है। कोरोना ने हमें अनुशासन एवं सही तरीके से जिना सिखा दिया तथा हर व्यक्ति अब अपने परिवार समाज ओर राष्ट्र के साथ सहयोग एवं समर्पित भावना से जुड गया है। इस चातुर्मास काल में हमें अधिक से अधिक धार्मिक गतिविधियो को शासन प्रशासन द्वारा दिये गये नियमो एव ंमार्गदर्शन के अनुसार करना है।
मंगल प्रवेश हुआ
पूज्य साध्वीजी के प्रवचन के पूर्व स्थानीय गौडी पाश्र्वनाथ मंदिर से पूज्य साध्वी जी द्धय का मंग्रल प्रवेश स्थानीय राजगढ नाका, पुलिस लाईन चैराहा, नेहरू मार्ग , एवं लक्ष्मीबाई मार्ग होता हुआ बावन जिनालय मंदिर पर पहुचा। मार्ग में पूज्य साध्वीजी के सम्मान में गहुलिया की गई तथा अक्षत एवं श्रीफल से साध्वीजी की वधाया गया। जिनालय पहुचने पर पूज्य साध्वीजी ने मंदिर मे प्रतिष्ठित श्री ऋषभदेव भगवान के दादा गुरू राजेन्द्रसुरीजी एवं ंपूण्य समा्रट जयत सेन सुरीश्वरजी मसा के दर्शन कर सामुहिक वदन किया।
मंगल प्रवेश के अवसर पर सर्वप्रथम पूज्य साध्वीजी मसा ने मंगलाचरण का पाठ किया। साथ ही श्रीमती किरण मेहता ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। पश्चात् पाठ परम्परा के आचार्य देवो की चित्र पर ़ित्रस्तुतिक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोहर भंडारी,मालवा महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता यशवंत भंडारी, सघ के व्यवस्थापक संजय मेहता, उपाध्यक्ष बाबूलाल कोठारी एवं सचिव मुकेश नाकोडा ने माल्यार्पण किया।। संघ के वरिष्ठजनो ने चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन किया।
आंडबर एवं दिखावे रही होगा पाॅच माह का चातूर्मास
इस अवसर पर चातूर्मास समिति के अध्यक्ष अनिल रूनवाल ने स्वागत भाषण देते हुये कहा कि झाबुआ नगर का परम सौभाग्य है कि पिछले तीन वर्षो से लगातार यहा पर साधु साध्वी भगवंतो के चातुर्मास हो रहे है ओर चैथे वर्ष भी हमे चातुर्मास करवाने का अनुपम अवसर प्राप्त हुआ। आपने कहा कि पूज्य साध्वजी मासा के मार्गदर्शन मे हम इस चातुर्मास को भव्यअति भव्य बनाने के भरसक प्रयास करेगे। साथ ही आंडबर एवं दिखावे से दूर यह चातुर्मास अपने आप मे ंऐतिहासिक होगा। संघ के व्यवस्थापक संजय मेहता ने कहा कि पूज्य गच्छादिपति जी नित्यसेनसुरीश्वरजी मासा एवं आचार्य जयरत्नसुरीश्वरजी मासा के पास श्री संघ के पदाधिकारियो ने झाबुआ मे चातुर्मास करने हेतु बार बार विनति की जिसका सुपरिणाम यह रहा है कि पूज्य साध्वीजी मासा का चातुर्मास झाबुआ नगर में होने की घोषणा पूज्य गच्छादिपति द्वारा की गई। इसके लिये हम गच्छाधिपति के प्रति आभारी है। श्री संघ के वरिष्ठ सदस्य यशंवत भडारी ने कहा कि जिस संघ के भाग्य प्रबल होते है उसे ही साधु साध्वी भंगवंतो का चातुर्मास करवाने का अवसर प्राप्त होता है। साधु साध्वी भगवंतो का जिनका जीवन तपमय , चारित्रमय एवं त्यागमय होता है जिनमे आत्मिक उर्जा की असीम शक्ति सामाहित होती है जिसकी आभामंडल के असीम प्रभाव से धर्म के प्रति अप्रमत्त व्यक्ति भी जाग्रत होकर धर्म आराधना करने की ओर अग्रसर होता है। इस अवसर पर बदनावर से पधारी सुश्रााविका चेतना सराफ ने भी अपने अद्गार व्यक्त करते हुये चातुर्मास हेतु पधारने के लिये साध्वीजी मसा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। बाहर से आये अतिथियो का किया बहुमान
श्री संघ के सहसचिव रिंकु रूनवाल ने बताया कि मंगल प्रवेश के अवसर पर जोबट, आलोट, महिदपुर, पारा, आदि स्थानो से गुरू भक्त का आगमन हुआ। जिनका समाज के वरिष्ठजनेा एवं चातुर्मास समिति के पदाधिकारियो के द्वारा तिलक लगाकर माला एवं श्रीफल देकर बहुमान किया। आभार प्रदीप भंडारी द्वारा माना गया। कार्यक्रम का संचालन निखिल भंडारी ने किया।। इस अवसर पर मंगल प्रवेश एव प्रवचन के समय श्री सघ ंश्रावक एवं श्राविकाएं एवं परिषद् परिवार के सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम के पश्चात् अनिल रूनवाल, राजेश मेहता, पंकज गोखरू, हुकमीचंद जी छाजेड की ओर से भाता वितरण किया गया।
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