रात होते ही शुरू हो जाता है रेत निकासी का खेल, गौर नदी के बरम घाट में रेत का अवैध उत्खनन
ईट भट्टों से उठते धुएं के बीच सांस लेने को मजबूर लोग
जबलपुर (संतोष जैन) - बरेला ग्राम बैरागी के समीप गौर नदी के बरम घाट में रेत माफिया विगत दो-तीन महीने से लगातार रेत निकासी कर रहे हैं इसकी भनक स्थानीय पुलिस प्रशासन खनिज विभाग और राजस्व विभाग को भी नहीं है कार्रवाई नहीं होने से रेत माफिया के हौसले बुलंद हैं ग्रामीणों ने बताया कि रात के अंधेरे में रेत निकासी का काम शुरू होता है और भोर के उजाले में बंद हो जाता है ग्रामीणों का आरोप है कि रेत निकासी करने वाले अगरतला और गधेरी के असामाजिक तत्व हैं जो कि रात में हथियारों से लैस रहते हैं हथीयार बंद असामाजिक तत्वों के कारण ग्रामीणों में भय का माहौल भी बना रहता है
ईट भट्टों से उठते हुए के बीच सांस लेने को मजबूर लोग
बरेला में संचालित हो रहे एक सैकड़ा भट्टे बरेला नगर में ईट भट्टों से निकलने वाले विषैले धुआं के बीच लोगों को सांस लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है नगर में करीब एक सैकड़ा से ज्यादा ईट भट्टे लगे हैं इन्हीं ईट भट्टा से निकलने वाला धुआं नगर की आबोहवा को प्रदूषित कर रहा है नगरवासी प्रदूषित हवा ले कर सांस संबंधी बीमारी का शिकार हो रहे हैं ईट भट्ठों के व्यवसायियों ने अपनी कमाई के चक्कर में लोगों के स्वास्थ्य की परवाह न करते हुए नगर को गर्म तंदूर में तब्दील कर दिया है नगर के जनप्रतिनिधि भी इस व्यवसाय में संलग्न है जिसके कारण इन ईट भट्टों कारोबारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है
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