पुलिस अभिरक्षा में खुद को गोली मारी फिर भी प्राथमिकी भी दर्ज नहीं
कोरोना से मौत के मामले बढ़ने पर सीएम ने जताई चिंता
जबलपुर में पचासी दिन में कोरोना के 9 हजार नमूने भी नहीं जाचे
जबलपुर (संतोष जैन) - पुलिस अभिरक्षा में कथित तौर पर खुद पर पिस्टल से फायर करने वाले शुभम बागरी की मौत का मामला उलझता नजर आ रहा है प्रकरण मानव अधिकार आयोग के संज्ञान लेने के बावजूद 5 पुलिसकर्मी बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे जबकि पांचों को बयान दर्ज कराने के लिए विभागीय जांच कर रहे एडिशनल एसपी संजीव की ओर से नोटिस जारी किया गया है इस हाईप्रोफाइल मामले में सिविल लाइंस थाने में अभी घटना की प्राथमिकी तक दर्ज नहीं हुई है जानकारी के अनुसार पुलिस की ओर से कथित आत्महत्या में प्रयुक्त पिस्टल और वाहन में मिले कारतूस को जप्त कर बैलेस्टिक जांच के लिए भेजा जा रहा है इससे साबित होगा की गोली चली कि नहीं वाहन की छत में गोली लगने से जो निशान बने उसे भी साक्ष्य के तौर पर लिया है इस तरह की वारदात होने पर अभिरक्षा में लेने वाली टीम की ओर से सिविल लाइन थाने में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज करानी थी इसी के साथ पांच पुलिसकर्मी कपूर सिंह विशाल सिंह आरक्षक अमित पटेल राजेश पांडे नितिन कुशवाहा के प्राथमिक पर भी दर्ज होते और सिर्फ मर्ग कायम कर शव का पीएम कराने की कार्रवाई की गई है
कोरोना से मौत के मामले पर सीएम ने जताई चिंता
पाटन की 70 वर्षीय महिला की मौत के बाद शुक्रवार को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव मिलने और इस महीने अभी तक 4 संक्रमित ओं की मौत पर चिंतित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बातचीत की शहर में कोरोना से मौत का आंकड़ा बढ़ने पर समीक्षा की मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान 2 मौत और उनके कोरोना संक्रमित होने को लेकर अधिकारियों से सवाल जवाब किया इस पर जिम्मेदारों ने निजी अस्पतालों को निशाने पर लिया सीएम को बताया गया कि निजी अस्पतालों में कोरो ना संक्रमित की जांच नहीं कराई जा रही है बाद में मरीज की हालत बिगड़ने पर मेडिकल अस्पताल रेफर किया जा रहा है सीएम ने निजी अस्पतालों से समन्वय कर बेहतर उपचार सुनिश्चित करने कहां है
जबलपुर में 85 दिन में कोरोना के 9000 नमूने भी नहीं जांचे
जिले की आबादी के अनुसार जबलपुर में पर्याप्त संख्या में कोरोना संदिग्धों के नमूने की प्रतिदिन जांच नहीं हो रही है इस महीने 4 मौत के बाद मृत्यु के औसत के मामले में प्रतिशत राष्ट्रीय दर् से ज्यादा हो गया है जानकारों को आशंका है कि शैंपीलिंग बेहद कम होने के कारण कई कोरोना संक्रमित प्रशासन के राडार पर ही नहीं आ पा रहे हैं संक्रमण की दो-चार दिन में एक नए इलाके में फैलता जा रहा है भोपाल में कोरोना मिलने के बाद 75 दिन में 7000 से ज्यादा संदिग्धों के नमूनों के परीक्षण किए गए जबकि जबलपुर में 50 दिन में 9000 नमूनों की जांच भी नहीं हुई है जिले में रिकवरी रेट बेहतर बता कर भले ही अधिकारी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं लेकिन संक्रमण की दर बढ़ रही है
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