जांबाज़ सैनिक भाई अपने परिवार से दूर तन्मयता से अपना कर्तव्य निभाता | Janbaj sainik bhai apne parivar se door tanmayta se apna kartavya

जांबाज़ सैनिक भाई अपने परिवार से दूर तन्मयता से अपना कर्तव्य निभाता

तभी हम अपने परिवार के साथ खुशियां बांट पाते है - वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश भट्ट

जांबाज़ सैनिक भाई अपने परिवार से दूर तन्मयता से अपना कर्तव्य निभाता

थांदला (कादर शेख) - गलवान घाटी में हिंदुस्तान और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में देश के वीर जांबाज़ सैनिक भाई वीरगति को प्राप्त हुवे। स्थानीय आज़ाद चोक पर नगर के पत्रकारों द्वारा शहीद सैनिक भाईयो को श्रधांजलि दे कर चीन द्वारा निर्मित वस्तुओं की होली जला कर विरोध प्रकट किया।कार्यकम में समस्त समाज के प्रमुख ने शहीद सैनिक भाई को श्रद्धा सुमन अर्पित किये।कार्यकम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश भट्ट ने कहा कि समाज किसी भी दशा में जाए, राजनीति अपनी करवट किसी भी तरफ ले, तुष्टिकरण की नीति क्या हो, यह अलग बात है मगर सच यह है कि ये सैनिक हैं, इसलिए हम, हैं सच यह है कि सैनिकों की ऊँगली ट्रिगर पर होती है, तभी हम खुली हवा में साँस ले रहे हैं। सच यह है कि एक सैनिक अपने परिवार से दूर तन्मयता से अपना कर्तव्य निभाता है, तभी हम अपने परिवार के साथ खुशियाँ बाँट पाते हैं।


आयोजन में रुसमाल चरपोटा ने अपने उदबोधन में कहा कि यह मत सोचे की शरहद पर हमारे भाई या बेटे नहीं हैं मगर ऐसा ना सोचे शरहद पर जितने भी जवान है।कार्यकम में युवा नेता संजय भाभर ने कहा कि ‘करीब 15 हजार फीट ऊंचाई पर स्थित गलवान घाटी के घटनास्थल पर सोमवार शाम 4 बजे से आधी रात तक करीब 8 घंटे हिंसा हुई। लाेहे की राॅड से लैस चीनी सैनिकों ने साजिश रचकर भारतीय जवानाें पर हमला बाेल दिया।
भारतीय सैनिक ऐसे किसी हमले के लिए तैयार नहीं थे।तब चीनी सैनिक पत्थर, लाठी और लोहे की राॅड से भारतीय सैनिक भाई पर हमला कर रहे थे। इसके कारण एक छोटे से रिज पर भगदड़ की नौबत आ गई। रात के अंधेरे में कई सैनिक रिज से गलवान नदी में गिर गए।इसी में हमारे 20 के करीब सैनिक भी वीरगति को प्राप्त हो गये।
कार्यकम में  पत्रकार अक्षय भट्ट ने कहा किअपने जीवन को कुर्बान कर देने वाले, पल-प्रति-पल मौत के साये में बैठे रहने वाले, अपने घर-परिवार से दूर नितांत निर्जन में कर्तव्य निर्वहन करने वाले जाँबाज़ सैनिकों के लिए बस चंद शब्द, चंद वाक्य, चंद फूल, दो-चार मालाएँ, दो-चार दीप और फिर उनकी शहादत को विस्मृत कर देना, उन सैनिकों को विस्मृत कर देनाये क्या शहीद भाई का अपमान नही है कार्यकम में उद्योगपति जितेंद्र घोड़ावत ने कहा कि वर्ष 62 का युद्ध भी हमने देखा है अगर उन वर्षो में ही चाहते तो नक़्शे से नामो निशान मिटा देते किन्तु हिंदुस्तान विवाद नही शांति चाहता है ।
कार्यकम में कांग्रेस नेता नगीन शाह ने कहा कि
 हमारे देश में जब भी दुश्मनों ने वार किया है तब तब सीमा में तैनात हमारे वीर सेना के जांबाजों ने वीर सिपाहियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर हम देशवासियों की जान बचाई है।
कार्यकम में समस्त नगर के वाशिन्दों ने भी दीप जला कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये पश्चात राष्ट्रीय गान सामूहिक रूप गया गया एवम सभी ने एकजुट हो कर प्रतिज्ञा ली कि आज के बाद चीनी सामग्री का बहिष्कार करेगे।
कार्यकम का संचालन पत्रकार राजेश वैद्य ने किया।

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