कोरोना संकट में प्रवासी मजदूरों की व्यथा को लेकर "लॉक डाऊन सफर" शार्ट फ़िल्म बनाई | Corona sankat main pravasi majduro ki vyatha ko lekar lock down safar
कोरोना संकट में प्रवासी मजदूरों की व्यथा को लेकर "लॉक डाऊन सफर" शार्ट फ़िल्म बनाई
*फ़िल्म में प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को मार्मिक ढंग से सुंदर चित्रण*
आमला (रोहित दुबे) - शहर के प्रसिद्ध और उदीयमान कलाकारों ने कोरोना संकट के दौरान प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को लेकर एक बड़ी ही मार्मिक फ़िल्म बनाई है।आमला के सुप्रसिद्ध कलाकार,चित्रकार,रंगकर्मी संजय विश्वकर्मा के कुशल निर्देशन में "लॉक डाऊन सफर" शीर्षक से एक शानदार फ़िल्म बनाई है।इस फ़िल्म को यू ट्यूब प्लेटफार्म पर रिलीज किया गया है।इसे यू ट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है।सुंदर कर्णप्रिय संगीत से सजी इस फ़िल्म में आमला के कलाकारों ने शानदार अभिनय किया है।सीमित संसाधन के बावजूद भी इतनी शानदार फ़िल्म इन कलाकारों ने बनाई है जो देखते ही बनती है।फ़िल्म में आमला के आसपास के सुंदर दृश्य ,सुंदर वादियों का चित्रण भी फ़िल्म में देखने को मिलेगा।आमला के आस पास के स्थानों पर इस फ़िल्म का फिल्मांकन किया गया है।फ़िल्म में प्रवासी मजदूरों की व्यथा उनकी दुखित विडंबनाओं का बखूबी से चित्रण किया गया है।इस फ़िल्म की कहानी लिखी है प्रसिद्ध लेखक और गीतकार विक्रांत कुमार पांडे ने,फ़िल्म में गायन और संगीत आमला के प्रसिद्ध कलाकार तारेंद्र सागरे ने दिया है।फ़िल्म के मधुर गीत लिखे है हेमराज कहार ने,शानदार एडिटिंग की है शुभम नागले ने और फ़िल्म का कुशल निर्देशन किया है आमला के सुप्रसिद्ध कलाकार,चित्रकार,रंगकर्मी संजय विश्वकर्मा ने।फ़िल्म में शानदार अभिनय किया है आमला के प्रसिद्ध कलाकार सुरेश सागर,जीवन कहार, कपिल निरापुरे,लोकेश पाटिल,दिशू पारस,अंशुल पटने, पारितोष विश्वकर्मा,शुभम नागले,संजय विश्वकर्मा ने।फ़िल्म में वेश भूषा भी दर्शनीय है। फ़िल्म के सुंदर दृश्य निसंदेह मन को लुभाएंगे और कलाकारों का सजीव अभिनय आपको मंत्र मुग्ध कर देगा।फ़िल्म की कहानी बड़ी ही मार्मिक है।कोरोना संकट के इस दौर में प्रवासी मजदूरों की अन्तहीन परेशानियों का शानदार फिल्मांकन इस फ़िल्म में किया गया है।फ़िल्म का अंतिम भाग तो बहुत ही मार्मिक है।सरकार प्रवासी मजदूरों के लिये तमाम संसाधन जुटा रही है उनके हितार्थ तमाम कार्य कर रही है।उसके बीच होने वाली परेशानी का जिक्र भी इस फ़िल्म में किया गया है।फ़िल्म में प्रवासी मजदूर परेशानी का सामना करते हुए जैसे तैसे अपने गांव पहुंचते है लेकिन तमाम मजबूरी और बदले हुए हालात लेकर। फ़िल्म के नवोदित कलाकारों का सजीव अभिनय आपके मन को अंदर तक भाव विभोर कर देगा।इस फ़िल्म को जरूर देंखे,अपने आसपास के कलाकारों की कला को जरूर सराहे।इन कलाकारों का उत्साहवर्धन करने के लिये इस फ़िल्म को अधिक से अधिक लोग देखे ताकि हमारे अपने बीच के कलाकारों को उचित मंच मिल सके ऐसा आग्रह है।फ़िल्म में विशेष सहयोग साईं आराधना आई टी आई आमला और रैंबो म्यूजिकल ग्रुप आमला का रहा है।
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