वसुंधरा हरियाली महोत्सव अभियान को हुआ एक वर्ष पुर्ण, 95% पोधे वृक्ष बनने को तैयार
बरमण्डल (नीरज मारू) - पौधे प्रकृति की अनुपम देन है। पिछले कई वर्षो मे हमने प्रकृति की इस अनुपम देन के साथ छेडछाड कर इसे नष्ट करने का कार्य किया जिसके उदाहरण हमारे समक्ष है। पिछले दो तीन वर्षो से जरूर जनता व पर्यावरण मित्रो के द्वारा जागरूकता लाकर फिर से इस धरा को हरा भरा करने का संकल्प लिया गया जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे है। सरदारपुर तेहसील के छोटे से गांव पदमपुरा मे पिछले वर्ष 21 जुन को यही के रहने वाले एक युवा मोहनलाल मारू जो उज्जैन मे जिला खाद्य एंव आपुर्ति अधिकारी के पद पर पदस्थ है। जिन्होने पिछले वर्ष अपने पिता गणपत लाल मारू के निधन के बाद पगडी रस्म मे 1100 पौधे लगाकर आने गांव के श्मशान को हरा भरा करने का संकल्प लिया था। इस युवा का संकल्प तो पुरा होने को है लेकिन इसने इस अभियान को पदमपुरा से निकालकर पुरे मप्र सहित देश के कई अचंलो मे फैला दिया। वंसुधरा हरियाली महोत्सव का नाम दैकर अभियान का श्रीगणेश किया और देश भर मे फैले अपने दोस्तो एंव परिचीतो को अभियान से जोडकर वृक्ष मित्र बनाकर पौधोरोपण अभियान आरंभ किया।
पिछले वर्ष इस अभियान के तहत जम्मु कश्मीर के बीएसएफ रेज से लेकर महाराष्ट्र के नागपुर,राजस्थान के जयपुर,बिहार,उत्तरप्रदेश् सहित मप्र के 20 जिलो मे 14700 पौधे रोपे गये जिसमे से 95 प्रतिशत पौधे वृक्ष की शक्ल लेने लग चुके है।
अभियान के एक वर्ष पुर्ण होने पर 21 जुन को अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर कल पदमपुरा मे वृक्ष मित्रो ने एकत्रित होकर गांव के जिस श्मशान से अभियान का शुभारंभ किया गया था वहा पर श्रमदान किया।
पिछले वर्ष जहा इस श्मशान की पथरिली भुमि को सही करने के लिये दो दर्जन लोग की जुट पाये थे जो इस वर्ष 100 से अधिक वृक्ष मित्रो ने आकर अभियान की सार्थकता और सफलता को सिद्ध किया। गांव के तालाब से मिट्टी निकाली गई और पौधे के आसपास क्यारी बनाकर उसमे मिट्टी डाली गई साथ की मिट्टी के समीप मुरम की मेढ बनाई गई ताकी बारिश मे मिट्टी न बहे। श्मशान की पथरीली भुमि मे पिछले वर्ष रोपे गये सभी पौधे जीवित होकर लहलहा रहे है जो कही ना कही इन वृक्ष मित्रो की मेहनता को दर्शाते है।
वंसुधरा हरियाली महोत्सव अभियान के प्रमुख मोहनलाल मारू ने बताया की इस वर्ष पुरे देश मे वृक्ष मित्रो की सहायता से 1 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। कोरोना संक्रमण के कारण कही पर भी कोई बडा कार्यक्रम आयोजित नही किया जायेगा। बल्कि सोशल डिस्टेसीग के साथ पौधारोपण किया जायेगा। श्री मारू ने कहा की हमे इस प्लास्टीक संस्कृति से बहार निकालकर पर्यावरण को सहेजने के लिये सार्थक एंव ठोस प्रयास करने होगे । यह एक दो लोगो का कार्य नही है। बल्कि देश के हर नागरिक का पर्यावरण के प्रति कर्तव्य है।
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