हमारी समश्याओ का समाधान हमे ही खोजना होंगा तभी हम कोरोना से जीत सकते है
बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - जिले में कर्फ्यू आदेश का उलघंन ओर लॉक डाउन में लापरवाही करे हम ओर सवाल दागे शाषन प्रशाषन ओर अस्पताल की अव्यवस्था पर। अपनी जान की कीमत पर बिना अनुमति चोरी छिपे व्यवसाय करे हम, ओर कोरोना की चपेट में आने पर दोष दे डॉक्टरों की कार्यप्रणाली पर। इसे कतई न्यायोचित नही कह सकते। बुरहानपुर में पिछले एक सप्ताह में संक्रमण का विस्फोट हुआ है। यानी हम खुद समश्या है, लेकिन समाधान के लिए दूसरों को नकारा कहने से बाज नहीं आ रहे है। हम ही खुद समस्या है, और समाधान के लिए प्रशासन का मुँह ताक रहे है। सब्जी मंडी में बार-बार सोसल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उड़ने के चलते ही उसे बंद करना पड़ा। हमारी बेख़ौफ़ घूमने की आदत के चलते ही एसपी भगवत सिंह बिरदे को स्वयं ड्रोन केमेरे से हकीकत जानने को हमने मजबूर किया है। लॉक डाउन में गली मोहल्ले घूमने के बजाय खुद को रोकना ही बुरहानपुर के लिए जरूरी है। अभी भी जो लोंग संक्रमित हो रहे हैं, उनकी ट्रैवल हिस्ट्री सामने आ रही है। बावजूद जो मरीज मिल रहे हैं उनमे से अधिकांश हल्के लक्षण अथवा बिना लक्षण वाले हैं। जिससे रिकवरी रेट बेहतर है, बावजूद रेड झोन का थब्बा बुरहानपुर के माथे से हटाने के लिए हमे सामूहिक संकल्प करना होगा। कुछ दिन पूरे शहर को खुद ब खुद होम आइसोलेट रखना होंगा।
सवाल तो बहोत है, किंतु जिले में 195 कोरोना पॉसिटीव मरीज मिलने से हम खुद कितने गुनाहगार है, इस सवाल का जवाब कोन देंगा। जिले में परिस्थितिया भयावह होती नजर आ रही है, ओर हम सवाल पूछ रहे हैं कि लॉक डाउन को सही ढंग से लागू क्यो नही किया गया। चोरी छिपे दुकाने खुल रहे हैं.?पान, गुटखा, तम्बाकू, सिगरेट से लेकर अन्य चीजें कैसे लोंगो को मिल रही है.? यह व्यापार कोन कर रहे हैं.? कंटेन्मेंट एरिया के लोंग बाहर निकलने का दुस्साहस कैसे कर रहे हैं.? अस्पताल की व्यवस्थाए क्यो पीड़ादायक है.?
वर्तमान हालातो के चलते इन सवालों के जवाब खुद भी तलाशिये। क्या मैने लॉक डाउन का ईमानदारी से पालन किया है। क्या में बेवजह घूमता हु मुझे कोई नही रोकता इसका हम दम्भ भर रहे है। क्या में मास्क पहनकर, सेनेटाइजर उपयोग करके, साबुन से बार-बार हाथ धो पा रहा हु। आख़िर वो लोंग कोन है जो कोरोना इंजॉय कर रहे है..?
क्या ये 195 मरीज हवा में संक्रमित हो गए। दुसरो को लापरवाह कहने से पहले खुद के गिरेबां में भी झांक कर देखिये। डॉक्टरों की लापरवाही, पुलिस की ढील, प्रशासन की अनिर्णय की स्थिति से पहले हम खुद इस दुर्भाग्यपूर्ण आंकड़े तक पहुचने के लिए जिम्मेदार हैं। सोसल डिस्टेंसिंग का पालन गंभीरता से करे तभी हमारा बुरहानपुर कोरोना से जितेंगा।
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