आयुष चिकित्सक डॉ. श्रॉफ कैंसर बिमारी से जुझती अपनी मां की गंभीर हालत के बीच निभा रहे है अपना कर्तव्य | Ayush chikitsak dr shrof cancer bimari se jujhti apni maa ki gambhir halat

आयुष चिकित्सक डॉ. श्रॉफ कैंसर बिमारी से जुझती अपनी मां की गंभीर हालत के बीच निभा रहे है अपना कर्तव्य

आयुष चिकित्सक डॉ. श्रॉफ कैंसर बिमारी से जुझती अपनी मां की गंभीर हालत के बीच निभा रहे है अपना कर्तव्य

अलीराजपुर। (रकफिक क़ुरैशी) - कोरोना वायरस संकट के दौरान कई कोरोना कर्मवीर सामने आए है। ऐसे ही एक कोरोना कर्मवीर आयुष चिकित्सक डॉ. वरूण श्राफ है। डॉ. श्रॉफ अपनी ड्यूटी की जिम्मेदारी के साथ-साथ उन्हें जन्म देने वाली माता जो कि बीते दिनों घर में कैंसर की गंभीर बिमारी से जीवन और मृत्यु के बीच जूझ रही थी। उस दौरान भी डॉ. वरूण ने पारिवारिक जिम्मेदारी के साथ-साथ अपने चिकित्सकीय दायित्व को पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ निभाया। जब घर में उनकी माताजी कैंसर की बिमारी से जूझ रही थी तक भी वे कोरोना संकट के बीच पूरे समय एवं देर रात तक ड्यूटी पर तैनात रहकर अपना दायित्व निभाते रहे। इस दौरान उन्होंने ओपीडी के साथ-साथ शहर में बाहर से आने वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग एंव हॉम क्वारेन्टाइन संबंधित जिम्मेदारी को दिन-रात लगकर पूरा किया, जो कि अब भी निरंतर जारी है। वे बताते है मेरी माताजी कैंसर की बिमारी से जूझ रही थी ऐसे में सुबह उन्हें दवाएं देकर अस्पताल के लिए निकल पडता था। इस दौरान दिन के साथ-साथ ऑन कॉल रात में भी ड्यूटी पर लगातार काम किया। वे बताते है एक चिकित्सक के लिए कोरोना संकट के बीच मरीजां एवं देष सेवा से बढकर कोई दूसरा दायित्व नहीं हो सकता। वे कहते है मुझे अपनी मां की गंभीर बिमारी और उनके स्वास्थ्य की चिंता लगी रहती थी लेकिन कोरोना संकट के बीच अपने दायित्व को पूरी निष्ठा से निभाकर मैनें माना की अपनी मां की सेवा कर रहा हूं। उनकी माताजी के निधन के तीसरे दिन एवं 12 के कार्यक्रम के बाद वे तत्काल ड्यूटी पर ज्वांइन हुए और आज भी वे पूरी षिद्दत और लगन के साथ अपने दायित्व को निभा रहे है। डॉ. वरूण के पदीय कर्तव्य को निभाने के कायल उनके स्टॉफ के साथीगण भी है। जिला आयुष अधिकारी डॉ. एनएस वास्कले बताते है डॉ. वरूण हमारी टीम के मेहनती और जुझारू युवा चिकित्सक है। सीएमएचओ डॉ. प्रकाष ढोके ने बताया डॉ. वरूण लगनषील और जिम्मेदारी से अपने दायित्व को निभाने वाले चिकित्सक है। परिवार में परेषानी के बावजूद भी वे काम के लिए हमेषा तत्पर रहे। 

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