36 साल बाद भी खुले में पड़ा है 10 हज़ार टन जहरीला कचरा | 36 saal bad bhi khule main pada 10 hazar ton jahrila kachra

36 साल बाद भी खुले में पड़ा है 10 हज़ार टन जहरीला कचरा

मिट्टी में दबे हैं जहरीले कचरे से भरे टैंकर

हर साल बरसात के साथ इलाके में फैल रहा कचरा

गैस पीड़ितों पर कोरोना का खतरा अब तक 20  गवा चुके जान

जहरीले रसायन अभी खुले में दर्जनों बस्तियों का  भूजल दूषित

विशाखापट्टनम हादसे के बाद फिर उभरे यूनियन कार्बाइड त्रासदी  के जख्म

भोपाल (संतोष जैन) - विशाखापट्टनम के आर आर वेंकट पुरा गांव में एलजी पॉलीमर इंडस्ट्रीज में गैस likh हुए हादसे के बाद भोपाल गैस त्रासदी के जख्म  अवर आए हैं करीब 36 साल बाद भी यूनियन call wide के आसपास करीब 10000 टन जहरीले कचरे को हटाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं यह  जहर आज भी कारखानों के आसपास के लोगों के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है गैस कांड के बाद  7  सरकारें आई और चली गई इस बीच कोर्ट के आदेश पर 350 टन कचरा  समेटा  तो गया लेकिन इसके  निस्तारण का मामला उलझ कर रह गया जर्मनी से लेकर समंदर में इसे डंप करने की बात चली लेकिन नतीजा सिफर ही रहा कोरोना वायरस की चपेट में भी सबसे ज्यादा गैस पीड़ित ही आए हैं भोपाल में अब तक हुई 22 मौतों में से 20 गैस पीड़ित ही है

Post a Comment

Previous Post Next Post