मुंबई के पालघर में फंसे 200 से 250 मजदूरों को राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग की पहल पर भोजन एवं राशन सामग्रीयां की हुई व्यवस्था | Mumbai ke palghar main fanse 200 se 250 majduro ko rashtriya manavadhikar evam mahila bal vikas

मुंबई के पालघर में फंसे 200 से 250 मजदूरों को राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग की पहल पर भोजन एवं राशन सामग्रीयां की हुई व्यवस्था

मुंबई निवासी आयोग के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. रविन्द्र मिश्रा एवं आयोग की पूरी टीम ने मजदूरों को हर संभव मद्द का दिया आश्वासन

मुंबई के पालघर में फंसे 200 से 250 मजदूरों को राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग की पहल पर भोजन एवं राशन सामग्रीयां की हुई व्यवस्था

झाबुआ (अली असगर बोहरा) - देश के महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर के पालघर जिले के ग्राम बोईसर में पिछले 3-4 महीने पूर्व झाबुआ और आलीराजपुर जिले से करीब 200-250 ग्रामीण मजदूरी के लिए गए हुए थे, जो महाराष्ट्र में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप तेजी से बढ़ने के चलते संपूर्ण देश के लॉकडाउन के कारण, वे जिस कंपनी में कार्य कर रहे थे, वहां से उन्हें निकाल दिया गया। अब ये मजदूर पूरी तरह से बेरोजगार होकर उनके रहने से लेकर खाने-पीने तक की कोई व्यवस्था वहां नहीं हो पा रहीं है। 
जब इसकी जानकारी पालघर (मुंबई) से एक ग्रामीण युवक नाहरसिंह परमार बोरी जोबट जिला आलीराजपुर ने झाबुआ जिले के ग्राम झकनावदा में रहने वाले राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के प्रतिनिधि प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमट को मोबाईल पर फोन लगाकर दी एवं पूरे मामले से अवगत करवाया कि झाबुआ और आलीराजपुर जिले के करीब 200-250 मजदूर वर्तमान में पालघर जिले के बोईसर गांव में बुरी तरह फंसे हुए है। कंपनी ने सभी को काम की मजदूरी देने के बाद बाहर  निकाल दिया है। जिसके बाद उनके बोईसर में रहने एवं खाने-पीने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। मजदूरी से जितने पैसे मिले, वह बीते 15 दिनों में पूरी तरह से खत्म हो गए। अब ना तो दो समय के भोजन के लिए पैसा है और ना ही रहने के लिए कोई छत। ग्रामीण युवक नारहसिंह ने मद्द की गुहार लगाई।


*आयोग के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मिश्रा ने पहुंचकर ग्रामीणों से चर्चा की*

उक्ताषय की जानकारी मिलने पर आयोग के प्रतिनिधि प्रदेश अध्यक्ष श्री कुमट ने तत्काल इस संबंध में आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष दयाराम मिश्रा एवं राष्ट्रीय मुख्य महासचिव डॉ. रविन्द्र मिश्रा (मुंबई) से चर्चा की एवं झाबुआ और आलीराजपुर जिले में बुरी तरह से फंसे ग्रामीणों की वहां हर संभव मद्द करने के लिए अनुरोध किया। जिसके बाद मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए एवं मानव अधिकार तथा महिलाओं और बालक की मद्द संबंधी मामला होने से तत्काल ही मौके पर आयोग के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव डॉ. रविन्द्र मिश्रा एवं आयोग के अन्य पदाधिकारियों ने पहुंचकर इन सभी ग्रामीणो से विस्तृत चर्चा की, उनकी समस्याएं जानी। बाद ग्रामीणों को हर संभव मद्द का आश्वासन दिया। 

*भोजन एवं राशन सामग्री उपलब्ध करवाई*

इसी बीच ग्रामीणो को आयोग की टीम की ओर से तत्काल में भोजन के कुछ पैकेट एवं राशन (किराना) सामग्री उपलब्ध करवाई गई। जिससे उनकी कुछ दिनों तक भोजन की व्यवस्था हो सके। ज्ञातव्य रहे कि इसके अलावा आयोग के प्रतिनिधि प्रदेश अध्यक्ष श्री मनीष कुमट, प्रदेश उपाध्यक्ष अली असगर बोहरा, संभागीय अध्यक्ष निलेश भानपुरिया, कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष पवन नाहर, प्रदेश  प्रभारी किर्तीश जैन,  गोपाल विश्वकर्मा, अरविन्द राठौर, सुमित्रा मेडा आदि द्वारा सत्त झाबुआ जिले में मानव अधिकारों के संबंध में कार्य करते हुए संकट की इस घड़ी में लोगों की हर संभव मद्द के प्रयास किए जा रहे है। जिले के लोगां को, विशेषकर गंभीर बिमारी के मरीजों को गुजरात के दाहोद और बड़ौदा आदि स्थानों से गोली-दवाईयां अपने निजी वाहनों से मंगवाकर उपलब्ध करवाई जा रहीं है। गोली-दवाईयां लाने का चार्ज नहीं लिया जा रहा है।

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