मुम्बई से 1000 किलोमीटर का सफर तय कर मजदूर पहुंचे विकासखंड
*सफर में सायकल बनी सहारा, लॉकडाउन में घर पहुंचने का जुनून था सवार*
*संक्रमण के बीच अंततः जीत गया सहास, पहुंचे अपने घर*
*11 दिनों का सफर तय कर पहुंचे जुन्नारदेव*
*संक्रमण के बीच जीता साहस*
जुन्नारदेव (मनेश साहू) - कहते है कि जज्बे के सामने सब कुछ बौना होता है और इस बात को जुन्नारदेव विकासखंड अन्तर्गत ग्राम पंचायत बिलावरकला के मजदूरों ने सच साबित करके दिखा दिया है। मिली जानकारी अनुसार आधा दर्जन मजदूर मुम्बई में मजदूर कर अपना और अपने परिवार का गुजर बसर कर रहे थे। ये सब मजदूर जुन्नारदेव की ग्राम पंचायत बिलावरकला के रहने वाले थे जो वर्तमान में कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन में फंसे हुये थे। जब इन मजदूरों को घर पहुंचने का कोई रास्ता नजर नहीं आया तब इन्होंने मुम्बई से ही नई सायकल खरीदी और अपने घरों के लिए निकल पड़े। रास्ते में आई अनेकों बाधाओं को पार करते हुये ये मजदूर गुरूवार को जुन्नारदेव विकासखंड पहुंचे जहां पर इन मजदूरों ने जुन्नारदेव थाने पहुंचकर मुम्बई से आने की बात बताई। सभी उस समय भौचक्के रह गये जब मजदूरों द्वारा बताया गया कि वे मुम्बई से जुन्नारदेव का सफर सायकल से तय कर पहुंचे है।
*6 मजदूरों* में दीनू कुमरे, पंचलाल कुमरे, रोहित साहू, नरेश
मर्सकोले, अरविन्द कवरेती, रतन आमरे रोहित यादव शामिल थे
*जुन्नारदेव पहुंचने के बाद मजदूरों के परिवारजनों ने राहत की सांस ली*
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