विधायकों के सवालों पर असमंजस जवाब दे या फिर बंद कर दें फाइल
सत्ता परिवर्तन से बदली परिस्थितियां नियमों को खंगालने में जुटा विधान सभा सचिवालय
लाख डाउन के बाद स्पष्ट होगी स्थिति
विधायक नहीं तो जवाब भी नहीं
भोपाल इंदौर और जबलपुर का मामला दो नगर निगम बनाने का प्रस्ताव खारिज करने की तैयारी
भोपाल (संतोष जैन) - मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के जाने और भाजपा सरकार बनने के बाद विधायकों के 5315 सवालों पर असमंजस की स्थिति बन गई है विधान सभा सचिवालय नियमों को खंगाल रहा है कि इन सवालों का क्या किया जाए क्योंकि सवाल पूछने वाले कई विधायकों की विधायकी चली गई दूसरी ओर जवाब तैयार करते करते मंत्रियों की कुर्सी छिन गई अब सचिवालय नियमों को खंगाल रहा है मध्य प्रदेश के इतिहास में शायद यह पहला मामला है जब विधानसभा सत्र के चलते सरकार गिर गई और विधायकों के सवाल अधूरे रहे हो 16 मार्च को सत्र शुरू हुआ लेकिन इसके जवाब आने के पहले ही सरकार अल्पमत में आई कमलनाथ सरकार गिर गई नई सरकार का गठन होते ही लाख डाउन हो गया ऐसे में इन सवालों पर कोई निर्णय नहीं हो पाया वही नियमों का अध्ययन किया जा रहा है
संतों की शरण में शिवराज सिंह चौहान बोले संकट में राह दिखाएं अध्यात्म
कोबिट 19 की चुनौतियां और एक आत्म बोध मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य जयंती पर देश के प्रख्यात संतों से से जानी राय
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया संवाद
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संतों की शरण में पहुंचकर को रोना संकट से पार पाने के लिए उनसे आध्यात्मिक और दार्शनिक रास्ता पूछा है मंगलवार को सीएम ने आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती पर मुख्यमंत्री ने कोविड 19 की चुनौतियां और एक आत्मबोध विषय पर संतो आध्यात्मिक गुरु और आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता के सदस्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया शिवराज सिंह चौहान ने कहा कोरोना से निपटने के लिए प्रकाश की जरूरत है वही संतों ने भी अपनी राय अध्यात्म योग आयुर्वेद में समाधान मनोदशा सही रहे तो इम्यूनिटी मजबूत कोरोना चुनौती है पर समाधान भी कंजूमर से कंट्रीब्यूटर बने मनुष्य ईश्वर ने आत्मबोध का महत्व बताया लाख डाउन नहीं है घर वास है यह विचार व्यक्त किए स्वरूपानंद सरस्वती चिन्मय मिशन मुंबई अवधेशानंद गिरी जूना पीठाधीश्वर हरिद्वार संविद सोनगिरी बीकानेर निवेदिता भिड़े कन्याकुमारी परमात्मानंद सरस्वती राजकोट मुकुल कानिटकर नागपुर ने