सोशल डिस्टेंस का पालन कर भगवान परशुराम जन्म उत्सव मनाया
पीथमपुर (प्रदीप द्विवेदी) - सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा भगवान परशुराम ,भगवान विष्णु के 6 वें अवतार थे ।जिन्होंने इसे क्रूर क्षत्रियों के अत्याचारों से बचाने के लि पृथ्वी पर जन्म लिया। जिस दिन परशुराम अवतरित हुए थे ,उस दिन को परशुराम जन्मउत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह दिन देश के अधिकांश हिस्सों में अक्षय तृतीया के रूप में भी प्रसिद्ध है और मनाया जाता है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, शुक्ल पक्ष के दौरान तीसरे दिन (तृतीया) को परशुराम जन्म उत्सव वैशाख महीने में आती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह दिन अप्रैल या मई के महीने में मनाया जाता है।
सर्व ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष रमेश चंद्र मिश्रा ने परशुराम जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बतलाया परशुराम जन्म उत्सव के अनुष्ठान क्या हैंअन्य हिंदू त्योहारों के समान, इस दिन सूर्योदय से पहले पवित्र स्नान करना शुभ माना जाता है।
स्नान करने के बाद, भक्त ताजे और साफ़ सुथरे पूजा के वस्त्र पहनते हैं।
भक्त पूजा करते हैं और भगवान विष्णु को चंदन, तुलसी के पत्ते, कुमकुम, अगरबत्ती, फूल और मिठाई चढ़ाकर पूजा करते हैं।
परशुराम जन्म उत्सव का व्रत रखना अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन उपवास करने से भक्तों को पुत्र की प्राप्ति होती है।
जो श्रद्धालु उपवास करते हैं, वे दाल या अनाज का सेवन इस दिन नहीं करते हैं और केवल दूध उत्पादों और फलों का सेवन करते हैं।
श्रीमती कविता प्रदीप द्विवेदी ने बतलाया , भगवान परशुराम के जन्म से संबंधित दो कहानियां हैं। हरि वंश पुराण के अनुसार, कार्तवीर्य अर्जुन नाम का एक राजा था जो महिष्मती नागरी पर शासन करता था। वह और अन्य क्षत्रिय कई विनाशकारी कार्यों में लिप्त थे, जिससे अन्य प्राणियों का जीवन कठिन हो गया। इस सब से व्यथित होकर, देवी पृथ्वी ने भगवान विष्णु से पृथ्वी और जीवित प्राणियों को क्षत्रियों की क्रूरता से बचाने के लिए सहायता मांगी। देवी पृथ्वी की मदद करने के लिए, भगवान विष्णु ने परशुराम के नाम से रेणुका और जमदग्नि के पुत्र के रूप में अवतार लिया और कार्तवीर्य अर्जुन तथा सभी क्षत्रियों का पृथ्वी से उनकी हिंसा और क्रूरता से मुक्त करने के लिए वध कर दिया।
मनमानी कॉलोनी में सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर आरती के साथ मनाया गया। प्रमुख रूप से अमरनाथ तिवारी, द्विवेदी, वैभव द्विवेदी गौरव पांडे पियूष मिश्रा, सौरभ शुक्ला आशीष मिश्रा, कविदीप द्विवेदी अभिनव द्विवेदी, आलोक पांडे ओम प्रकाश पांडे, जेपी द्विवेदी, आज की उपस्थिति में जन्मदिन मनाया गया। और सभी ने समाज बंधुओं से अपने घर में दीपक जलाकर भगवान परशुराम की आराधना करने का अनुरोध किया।
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