लॉक डाउन में प्रशिक्षु अधिकारियों की दादा गिरी
रानापुर (ललित बंधवार) - वायरस के चलते लॉक डाउन होने से नागरिकों को समझाने और नही मानने पर उसका सख्ती से पालन करवाने के लिए पुलिस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी जहाँ एक और जी तोड़ प्रयास कर अपनी भी जान जोखिम में डाल कर रात दिन जुटे हुवे है , जिसके लिए वे धन्यवाद के पात्र है , साथ ही साथ इस भयंकर महामारी के चलते स्वास्थ्य विभाग , नगरीय निकाय , राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी सतत अपनी सेवाएं देकर कोरोना जैसी बीमारी को खत्म करने के प्रयासों में जुटे हुए है । वही दूसरी और ग्रामीण क्षेत्रो में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के चलते ग्रामीणों को अपने इलाज हेतु रानापुर स्वास्थ्य केंद्र आना पड़ता है ,जिससे कि नियमित रूप से ड्यूटी करने वाले अधिकारी कर्मचारी उन्हें सोशल डिस्टेंस के बारे में बता कर अपना इलाज करवाने की सलाह देते हुवे हॉस्पिटल जाने देते है ,किंतु आज दिनांक 8 -4-2020 को सुबह 10 बजे के लगभग झाबुआ नाका क्षेत्र में एक अजीब सी स्तिथि देखने को मिली जब एक सफेद कलर के वाहन मैं 3-4 पुलिस विभाग के कर्मचारी तथा अन्य विभाग के 3-4 अन्य लोग सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक उड़ाते हुवे आये जिनमे एक अधिकारी ने पुलिस वर्दी मैं एक स्टार लगा रखा था जो अपने आप को प्रशिक्षु DSP बोल रहा था तथा अपना नाम गौरव पाटिल बता रहा था ,ने पुलिस थाना रानापुर पर बिना आमद दिए झाबुआ नाका क्षेत्र में ग्रामीणों को रोकना चालू कर दिया तथा हॉस्पिटल जाने वालों को भी नही जाने दिया , और बताने पर दादागिरी करते हुवे डंडे से पिटना शुरू कर दिया । ये प्रशिक्षु अधिकारी यहाँ के हालातों और भौगोलिक स्तिथि से वाकिफ नही होने से वरिष्ठ अधिकारियों को इन्हें समझा कर फील्ड में भेजना जरूरी हो गया है ,जिससे कि जनता मैं इनकी कार्य प्रणाली से असंतोष उत्पन्न ना हो और सारी व्यवस्था शांति पूर्ण बनी रहे । वरना बुधवार सुबह अपने आपको प्रशिक्षु DSP कहने वाले गौरव पाटिल के व्यवहार और आक्रोश को देखते हुवे लग रहा था कि इस प्रकार के लोग जनता से ऐसा गंदा बर्ताव करेंगे तो लोगो मे उनके प्रति आक्रोश उत्पन्न होगा और हालात बिगड़ने लगेंगे । वरिष्ठ अधिकारियों को गौरव पाटिल नामक जैसे प्रशिक्षु को समझाने की जरूरत है ,ताकि हालात यथावत बने रहे।
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