घर में रहने की बजाय पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर ग्रामीणजन | Ghar main rehne ki bajay pani ke liye dar dar bhatakne ko majbur

घर में रहने की बजाय पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर ग्रामीणजन

घर में रहने की बजाय पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर ग्रामीणजन

बरमण्डल (नीरज मारू) - ग्राम पँचायत बरमंडल  की उदासीनता कहि लोगो को बीमार न कर दे।कहने का मतलब ये है कि पंचायते एक जवाबदारी की तरह होती है जो ग्रामीणों की समस्या के लिए सदैव तत्पर रहती है।ओर यहाँ कोरोना के बीच आम जनता सुबह से पानी के लिए भटकती रहती है जबकि पानी होते हुए भी नल जल योजना सुचारू रूप से नही चल रही वहीं पुरे गांव में गंदगी पसरी है सचिव को अवगत कराने के बाद भी तीन दिन बीत जाने के बाद भी इस और ध्यान नही दिया जा रहा है इस संबंध में जनपद सीईओ को भी अवगत करा चुके है फिर भी जानकर भी अंजान बना जा रहा है।

घर में रहने की बजाय पानी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर ग्रामीणजन

न सरपंच न सचिव समस्या और ध्यान दे रहे है ओर न ही जनपद पंचायत सरदापुर क्या अगर ग्रामीण जनता कोरोना से लड़ने के लिये घर मे रहे तो पीने के पानी की व्यवस्था करेगा कोन यह एक विचारणीय प्रश्न है।

एक तरफ कोरोना का कहर ओर दूसरी तरफ प्रशासन का डंडा ऐसे में ग्रामीण जाये भी तो कहा क्या ऐसे में ग्रामीण जनता कोरोना से केसे बच पाएगी।

इनका कहना है....
ये तो हर वर्ष का रोना है--गर्मी तो दूर है लेकिन आमजनता को अभी से भटकना पड़ रहा है...
ऐसे में नलकुपो पर अगर भीड़ बढ़ेगी तो --कोरोना वायरस का डर हमेशा बना रहेगा 8-10 दिनों में भी नलों से पानी नहीं मिल पा रहा है।इस संबंध में सचिव को फोन लगाया तो फोन रिसीव करना ही मुनासिब नहीं समझा।
जीवन पाटीदार ग्रामीण....


दशहरा मैदान में पिछले डेढ़ माह से भी अधिक समय से पाईप लाईन फुटी हुई है कोई सुनने को तैयार ही नहीं है कितनी ही बार संरपच सचिव को भी कितनी ही बार अवगत करा चुके है...
नारायण शर्मा ग्रामीण...


सचिव से बात कोरो मेरे पास एक ही पंचायत नही है 95 पंचायते है। 
एस.के.शर्मा
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद सरदारपुर

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