अक्षय तृतीया दिवस पर जैन समाज मे वर्षीतप का विशेष महत्त्व | Akshay tririya divas pr jain samaj main varshitap ka vishesh mahatv

अक्षय तृतीया दिवस पर जैन समाज मे वर्षीतप का विशेष महत्त्व

श्रीमती शुशीला शांतिलाल जी लोढ़ा ने किया वर्षीतप

अक्षय तृतीया दिवस पर जैन समाज मे वर्षीतप का विशेष महत्त्व

मेघनगर (जियाउल हक क़ादरी) - वर्ष भर एक दिन छोड़ कर सिर्फ गर्म पानी के आधार पर उपवास की तपस्या करने को वर्षीतप कहाँ जाता हैं जो यह  तप करता हैं उस आराधक का जैन समाज मे तपस्वी नाम से उद्बोधन किया जाता हैं अपने कर्मो की निर्जरा के लिये ये एक महत्वपूर्ण तप माना जाता हैं ऐसा ही तप मेघनगर के त्रिस्तुतिक संघ के अध्यक्ष शांतिलाल लोढ़ा की धर्मपत्नी शुशीला देवी लोढ़ा द्वारा किया गया जिन्होंने वर्ष भर गर्म पानी के आधार पर एवं प्रभु एवं  गुरू भक्ति  से उक्त तपस्या को सकुशल पूर्णता की और हैं एवं स्थानकवासी सामाज मे अनीता बहन मेहता का एकसान से वर्षीतप पूर्ण हो रहा हैं ज्ञात हैं पुरे देश मे ऐसे तपस्वियों का आयोजन अपने अपने गुरू की निश्रा मे एक स्थान पर होता हैं परंतु  कोरोना वैश्विक महामारी के चलते  इस वर्ष अक्षय तृतीया पर बड़े आयोजन पर प्रतिबंध हैं इस कारण इसे अपने घर मे ही परिवारजनों के साथ सम्पन किया जावेगा ।

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