प्रतिदिन औसत 22 बच्चे ले रहे जन्म प्रसूताओं को रखा जा रहा है ध्यान | Pratidin osat 22 bachche le rhe janm

प्रतिदिन औसत 22 बच्चे ले रहे जन्म प्रसूताओं को रखा जा रहा है ध्यान

मां और बच्चे की हो रही देखरेख, सफाई का रखा जा रहा ध्यान


सिवनी (संतोष जैन) - लॉकडाउन व कर्फ्यू के बावजूद जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के पहुंचने का सिलसिला आम दिनों की तरह जारी है। सन्नाटे के बीच हर दिन नवजात बच्चों की किलकारी अस्पताल में गूंज रही है। पिछले 13 दिनों में इस दुनिया में 293 नए मेहमान आए हैं। अस्पताल प्रबंधन आम दिनों की तरह ही महिलाओं व नवजात बच्चों की देखरेख में लगा हुआ है। मेटरनिटी व पोस्ट आपरेटिव वार्ड को छोड़कर अस्पताल के अन्य सभी वार्ड सूने हैं लेकिन इन दोनो वार्डों में चहल पहल बनी हुई है। डिलेवरी के लिए आने वाली महिलाओं व स्वजनों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। औसत के मुताबिक कर्फ्यू व लॉकडाउन के बीच अस्पताल में हर दिन करीब 22 बच्चों ने जन्म लिया है। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लोग घरों में कैद हैं। लेकिन जिंदगी अपनी रफ्तार से चल रही है। नए मेहमान के आने से माता पिता व स्वजनों में भी खुशी का माहौल है

129 बच्चों की नार्मल डिलेवरी - जिला अस्पताल में हर दिन जन्म लेने वाले बच्चों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो 21 मार्च से 1 अपै्रल तक यहां 129 बच्चों की नार्मल डिलेवरी हुई है। जनता कर्फ्यू के दौरान 22 मार्च को सबसे ज्यादा 16 बच्चों ने जन्म लिया है। जिला प्रशासन ने 21 मार्च की दोपहर 2 बजे से जिले में टोटल लॉकडाउन घोषित कर दिया था, जो 14 अप्रैल तक जारी है। पिछले 13 दिनों में माइनर आपरेशन से 71 व सीजर आपरेशन के जरिए 93 बच्चों का जन्म हुआ है।
आम दिनों से ज्यादा केस - इंदिरा गांधी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ विनोद नावकर ने  बताया कि आमदिनों की अपेक्षा पिछले 13 दिनों में डिलेवरी के ज्यादा केस आए हैं। हर दिन बड़ी संख्या में नार्मल, माइनर व सीजर आपरेशन के जरिए बच्चों की डिलेवरी हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से डिलेवरी के केस लगातार अस्पताल पहुंच रहे हैं। सभी नवजात बच्चों व उनकी माताओं की देखरेख मेडिकल स्टॉफ द्वारा की जा रही है। सीजर आपरेशन वाली महिलाओं व नवजात बच्चे को पोस्ट आपरेटिव वार्ड में दस दिनों तक रखा जा रहा है। जबकि नार्मल व मायनर आपरेशन वाले पेशेंट को पांच दिनों में छुट्टी दी जा रही है। मेटरनिटी वार्ड में शैला मर्सकोले, ए मर्सकोले, प्रतिभा मरकाम, संगीता धुर्वे, प्रीति तेकाम, कविता साहू, अंजली चौरसिया, वैशाली कोले, रीना वासनिक, स्वाति डहरवाल, अनुराधा मिश्रा, अर्चना ठाकरे व अन्य स्टॉफ द्वारा बच्चों व माताओं की देखरेख की जा रही है।

चार बार हो रही सफाई, स्वजनों को उपलब्ध कराए पास

डिलेवरी वार्ड व पोस्ट आपरेटिव वार्ड में महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहां 24 घंटों में चार बार सफाई की जा रही है। कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए आवश्यक एहतियात भी बरता जा रहा है। साथ ही महिलाओं के स्वजनों को अस्पताल पहुंचने में असुविधा न हो। इसे ध्यान में रखते हुए संबंधितों को पास भी दिए गए हैं। लॉकडाउन के कारण निजी नर्सिंग होम व अस्पताल में इक्का दुक्का केस ही पहुंच रहे हैं। निजी नर्सिंग होम के डॉक्टर भी कोरोना वायरस संक्रमण के चलते रिस्क लेने से बच रहे हैं। ऐसे में सरकारी अस्पताल में ही मरीजों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं।

21 मार्च से 1 अपै्रल के बीच जन्मे

तारीख नार्मल माइनर सीजर

21 मार्च 8 3 13

22 मार्च 16 9 3

23 मार्च 7 4 9

24 मार्च 10 5 10

25 मार्च 8 5 5

26 मार्च 10 5 9

27 मार्च 9 4 11
28 मार्च 8 4 2

29 मार्च 12 6 2

30 मार्च 13 11 9

31 मार्च 8 5 4

1 अपै्रल 8 6 10

2 अपै्रल 12 4 6

योग 129 71 93

इनका कहना है

लॉकडाउन व कर्फ्यू के बावजूद अस्पताल में आम दिनों की तरह डिलेवरी केस बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। क्रिटिकल केस में डॉक्टर सीजर आपरेशन भी कर रहे हैं। ज्यादातर बच्चों की नार्मल डिलेवरी हो रही है। जन्म लेने वाले सभी बच्चे स्वस्थ व हष्ट-पुष्ट हैं। फिलहाल किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है।

डॉ विनोद नावकर, सिविल सर्जन

इंदिरा गांधी जिला अस्पताल सिवनी

Post a Comment

Previous Post Next Post