रोज करें परोपकार जीवन में होगा चमत्कार - राष्ट्र-संत ललितप्रभजी
गुरुजनों का जावरा पहुंचने पर सकल समाज द्वारा धूमधाम से किया गया स्वागत
जावरा (यूसुफ अली बोहरा) - राष्ट्र-संत श्री ललितप्रभ महाराज ने कहा कि रोज दान करें जिससे जीवन में स्थाई परिणाम मिलेंगे। याद रखें, दुनिया में कुछ लोग देकर राजी होते हैं कुछ लोग लेकर। कुछ खाकर खुश होते हैं कुछ खिलाकर। जो खाकर राजी होते हैं वे मुफ्त की जिंदगी जीते हैं, पर जो खिलाकर खुश होते हैं वे मूल्यवान जीवन के मालिक होते हैं। तीर्थंकरों ने वर्षीदान देकर, दधीचि ने अस्थिदान देकर, कर्ण ने अमर कवच देकर और भामाशाह ने अपना सर्वस्व दान कर हमारे सामने यह आदर्श स्थापित किया है कि हमारे जीवन में भी दान देने का संस्कार अवश्य होना चाहिए।
संत प्रवर शनिवार को पीपली बाजार के जैन मंदिर में श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ श्री संघ द्वारा आयोजित प्रवचन कार्यक्रम में श्रद्धालु भाई बहनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नसीब, किस्मत या लक का निर्माण दान और समर्पण से ही होता है। जितना दोगे वह बीज बोने का काम करेगा। जितना बोओगे, सुखों की फसल उतनी ही गुना लौटकर आएगी। हर व्यक्ति को अपनी कमाई का कम-से-कम 2% भाग जरूरतमंदों के लिए जरूर लगाना चाहिए, तभी हमारे अर्जित धन की शुद्धि हो पाएगी। नेकी की गली का एक ही मंत्र है : कर भला, होगा भला। हर महिला भोजन बनाते समय 4 रोटी गाय-कुत्ते के लिए अवश्य बनाए और हर पुरुष 50 का नोट ही सही, गरीबों की मदद के लिए अवश्य खर्च करे। बिना दान, कैसे मिलेगा सुखी होने का वरदान!
उन्होंने कहा कि रोज अन्नदान, वस्त्र दान, ज्ञान दान, औषधी दान और अभय दान दीजिए। याद रखें, भला, भूखे को रोटी और प्यासे को पानी पिलाने से बढक़र कौन-सा पुण्य कार्य होगा! अन्नदान करने वालों के जीवन में तो हमेशा अन्न का भंडार भरा रहता है। यदि हम अपने हाथ से पत्थर फेंकेंगे तो वह 100 फुट तक जाकर गिरेगा, बंदूक से गोली छोड़ेंगे तो 1000 फुट तक जाकर गिरेगी, तोप से गोला दागेंगे तो 5000 फुट तक जाकर गिरेगा, पर अगर किसी भूखे को रोटी देंगे तो वह ठेठ स्वर्ग लोक तक पहुँचेगा। आप फुटपाथ पर बसर करने वालों को खाना खिलाइए। अपने दफ्तर, दुकान या घर में काम करने वाले चतुर्थश्रेणी के कर्मचारियों को भी अन्नदान कीजिए अथवा उनके लिए अपनी उदारता का द्वार खोलिए जिन्हें आप जरूरतमंद समझते हैं।
सुबह उठते ही भगवान का नाम बाद में लें पहले यह संकल्प करें कि मैं अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठाशील रहूंगा। गॉड का अर्थ है गो ऑन ड्यूटी अर्थात अपने कर्तव्य को निभाना। केवल मंदिर जाकर प्रतिमा जी का अभिषेक करना ही भगवान की पूजा नहीं है, वरन धरती को सुंदर, स्वस्थ और स्वच्छ रखना भी मंदिर जाने और प्रभु की पूजा करने जितना पुण्यदायी है। हम आसमान में बसे स्वर्ग के सपने देखने की बजाय इस धरती को ही स्वर्ग बनाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए, काम ऐसे करो कि पहचान बन जाए और जीवन ऐसे जियो कि सबके लिए मिसाल बन जाए।
राष्ट्र संत ने परोपकार के साथ शील और सदाचार का जीवन जीने, छोटे-छोटे व्रतों को जीवन में अपनाने और मन व विचारों को पवित्र रखने की प्रेरणा दी। उन्होंने प्रणाम करने का पाठ सिखाते हुए कहा कि हमारा पहला कर्तव्य है बड़ों को प्रणाम करना प्रणाम करने मात्र से हमारे परिणाम सुंदर हो जाते हैं, शरीर में ऊर्जा का उर्दू आरोहण होने लगता है और ब्रेन का संतुलन बढ़ जाता है उन्होंने कहा कि आजकल मोबाइल 4G से चलते हैं पर हमारे 4G है माताजी पिताजी गुरुजी और प्रभु जी जो सुबह उठकर माता को प्रणाम करता है वह कभी गरीब नहीं रहता जो पिता को प्रणाम करता है वह कभी बदनसीब नहीं होता जो गुरु जी को प्रणाम करता है वह कभी गम की नहीं होता और जो भाई और बहन को प्रणाम करता है वह कभी चरित्रहीन नहीं होता अगर आपको लगता है कि आप के ऊपर शनि की साढे साती लगी हुई है तो वह पंडितों के द्वारा बताए हुए टोटकों से 7 साल में उतरेगी पर जो मां बाप को प्रणाम कर उनकी धूल को सिर पर धारण करने का नियम ले लेगा मेरी गारंटी है वह मात्र 7 महीनों में शनि की महादशा से उबर जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें रोज पंचांग प्रणाम करके बड़ों से आशीर्वाद और औरों से दुआएं लेनी चाहिए। क्योंकि दुआओं में बड़ी ताकत होती है पत्थर मजबूत होता है पर लोहा पत्थर को तोड़ देता है अग्नि लोहे को पिघला देती है पानी अग्नि को बुझा देता है, इंसान पानी को भी पी जाता है प्रमोद इंसान को खत्म कर देती है पर दुआओं में इतनी ताकत है उसके सामने आय हुई मौत भी वापस चली जाती है। उन्होंने कहा कि अगर हमारी रिश्तो में किसी तरह की खटास या दूरी आज चुकी है तो आप केवल उस व्यक्ति को प्रणाम करके आ जाएं सारी दूरियां कुछ सेकेंड में ही दूर हो जाएगी।
संत प्रवर ने श्रद्धालुओं से कहा कि गॉड इज द बेस्ट डॉक्टर एंड प्रेयर इज द बेस्ट मेडिटेशन प्रार्थना करने से मन पवित्र हो जाता है बुद्धि सद्बुद्धि बन जाती है संकट दूर हो जाते हैं बाधाएं टूट जाती है और जीवन में तरक्की के नए रास्ते खुलने शुरू हो जाते हैं दुनिया से बात करनी हो तो फोन चाहिए प्रभु से बात करने के लिए मौन चाहिए आनंद लूट ले प्रभु की बंदगी का पता नहीं कब साथ छूट जाए जिंदगी का उन्होंने कहा कि जो दिन की शुरुआत प्रार्थना के साथ और दिन का समापन स्वाध्याय के साथ करता है उसके दिन और रात दोनों धन्य हो जाते हैं उन्होंने हर रविवार को घर में सामूहिक प्रार्थना करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि इससे घर का वातावरण निर्मल रहेगा सब के संस्कार अच्छे रहेंगे फैक्ट्री में सामूहिक प्रार्थना करने से उत्पादन बढ़ जाएगा स्टाफ मन लगाकर दुगना काम करेगा उन्होंने कहा कि हमें दिन में तीन बार प्रार्थना करनी चाहिए सुबह भाग्य का उदय करने के लिए दोपहर में खाने से पहले प्रभु को शुक्राना अदा करने के लिए और रात्रि में सोने से पहले दिन में हो चुकी गलतियों की क्षमा याचना करने के लिए।
इससे पूर्व शांतिप्रिय सागर ने जिए ऐसा जिए जो जीवन को महका ए पंगु भी पर्वत पर चढ़कर जीत के गीत सुनाए.. का भजन सुनाया तो श्रद्धालु आत्म विभोर हो गए।
इससे पूर्व संत ललितप्रभ जी एवं डॉ मुनि शांतिप्रिय सागर जी के नगर आगमन पर खत्री पुरा स्थित पार्श्वनाथ जैन मंदिर से धूमधाम से शोभायात्रा निकली जो शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई पीपली बाजार जैन मंदिर पहुंची जहां पर खरतरगच्छ श्री संघ के सदस्य सकल जैन समाज के श्रद्धालु भाई बहन और अन्य समाज के गुरु भक्तों द्वारा भावभीनी अगवानी की गई और श्रीफल समर्पित कर अक्षत उछाल कर हर्षोल्लास के साथ बधावणा किया गया। इस दौरान युवाओं ने गुरुदेव के जयकारे लगाकर वातावरण को गुंजायमान कर डाला। शोभायात्रा में प्रदीप चौधरी हिम्मत धारीवाल आजाद सिंह ढढ्ढा, जयंतीलाल दख, कैलाश छाजेड़ अनोखी लाल बोरदिया प्रदीप लोढ़ा संजय तलेसरा मदन लाल नाहर प्रकाश मोदी नगीन सकलेचा योगेंद्र कोठारी कैलाश छाजेड़ लोकेश कांठेड़ आशीष दासोत, ललित जैन रमेश जैन कमल यति पदम मेहता एवं कुशल महिला मंडल की बहनों के साथ अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
रविवार को पीपली बाजार में होंगे विशेष प्रवचन-राष्ट्रसंतों के रविवार को सुबह 9 बजे पीपली बाजार में घर को कैसे स्वर्ग बनाएं विषय पर विशेष प्रवचन और सत्संग होंगे जिसमें आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे।
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