रेंजर बना मजदूरों की जान के लिए डेंजर
कलेक्टर के आदेश की अवेहलना कर रहा रेंजर
कोरेना संक्रमण का खतरा फिर भी करवा रहे मजदूरों से कार्य
आमला (रोहित दुबे) - जहा कोरेना वायरस के संक्रमण का खतरा पूरे देश मे मंडरा रहा है ।देश के पी एम नरेंद्र मोदी द्वारा आमजनों के स्वास्थ की रक्षा की दृष्टि से ट्रेनों से लेकर बस सफर पर रोक लगाई गई है।वही जिला लॉक डाउन हो गया है ।जिला कलेक्टर द्वारा धारा 144 लागू की गई जिसमें 4 से अधिक व्यक्ति एक स्थान पर इकठ्ठा नही रह सकते है ।ओर तो ओर 31 मार्च सभी शासकीय कार्यालय जनपद की मजदूर मुलक योजनाए बन्द कर दी गई है जिससे मजदूर या ग्राम के लोग कोरेना संक्रमण के शिकार न बने।लेकिन वन विभाग आमला के रेंजर महेश प्लेचा द्वारा शासन व जिला कलेक्टर के आदेशों की खुलेआम अवेहलना की जा रही है ।जानकारी के मूताबिक वन परिसर में निर्माण हो रहे भवन के कार्य मे आधा दर्जन से अधिक मजदूर मिस्त्रियों को कार्य पर लगा रखा है ।वही कलमेश्वरा में निर्माण हो भवन के छत निर्माण की लोहा सरिया कटिंग करवाने भी आधा दर्जन से अधिक मजदूरों को सोमवार कार्य पर लगाया गया।तीसरा भोपाली में निर्माण हो रहे भवन में टाइल्स कार्य सोमवार चल रहा था जिसमे भी इसी तरह अधिक मजदूर कार्य कर रहे थे ।इससे अंदाज लगाया जा सकता की स्थानीय रेंजर प्लेचा को मजदूरों की जान से कोई सरोकार नही है और नाही शासन व कलेक्टर के आदेशों की कोई परवाह है।गौरतलब होगा कि शहर सहित ग्रामो की सीमाओ पर प्रशासन द्वारा चप्पे चप्पे पर नजर रखी जा रही है ।लेकिन मजदूरों के लोकल कार्य भी बन्द है ।कोरेना संक्रमण व शासन के आदेश के बाद सभी निर्माण कार्य चाहे निजी हो या सरकारी सब रुक गए है लेकिन फारेस्ट में बेधड़क मजदूरों से कार्य करवाकर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहे है।गौरतलब होगा कि रेंजर महेश प्लेचा का तबादला अन्यत्र शहर हो गया है लेकिन वह यहा से जानबूझकर रिलीव नही हो रहे है।सूत्रों की माने तो इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि 3 भवनों के निर्माण वे स्वयं पूर्ण करवाना चाह रहे है ।निर्माण हो रहे प्रति इमारत भवन की लागत 20 लाख से अधिक है जिससे कलमेश्वरा ,आमला ,भोपाली के भवन लागत 60 लाख से अधिक हो सकती है ।भवनों के हो रहे घटिया निर्माणों के मामले भी प्रकाश में आ चुके है लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों ने आज तक कोई जांच नही करवाई वही रेंजर बड़ी स्पीड से भवनों के निर्माण पूर्ण करवाने में लगे हुए है।इस मामले में वन विभाग एस डी ओ से प्रतिक्रिया लेनी चाही लेकिन उन्होंने काल रिसीव नही किये।
इनका कहना है
इतने मजदूरों से कार्य करवाया जा रहा है यह नियम विपरीत है विभाग के अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
सी एल चनाप, एस डी एम मुलताई
आदेश के बाद भी अगर रेंजर भवनों के निर्माण में मजदूरों से कार्य करवा रहा तो उनसे चर्चा कर बता पाऊँगा।
अशोक कुमार चौहान, डी एफ ओ वनविभाग बैतूल
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