प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरमंडल के हाल बेहाल | Prathmik swasthya kendra barmandal ke haal behal

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरमंडल के हाल बेहाल

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरमंडल के हाल बेहाल

बरमंडल (नीरज मारू) - जहाँ आज पूरा देश ही नहीं विश्व कोरोनावायरस जैसी महामारी की चपेट में आ गया है ,और संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है, कोरोना महामारी बहुत ही तेजी से भारत में भी पैर पसार रही है।शासन-प्रशासन पूरी मुस्तैदी से इसकी रोकथाम के लिए प्रयास कर रहा है, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बीमारी के रोकथाम ,बचाव के उपाय निरंतर बता रही है शासन प्रशासन के निर्देश जारी कर लक्षण एवं बचाव एवं उपचार हेतु आम व्यक्ति को केवल शासकीय हॉस्पिटलों में ही जाने और उपचार करने के निर्देश दिए हैं ,और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है,

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरमंडल के हाल बेहाल

परंतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरमंडल के हाल दिन-ब-दिन बदहाल होते जा रहे हैं, कहने को तो बढ़िया चकाचक बिल्डिंग और रंग रोगन किए हुए डॉक्टर, कर्मचारी क्वार्टर  टीन सेट से बना हुआ बरामदा ,जनरेटर आदि सभी सुविधा उपलब्ध है ,यहां तक कि शासन ने यहां ग्रामीणों को इलाज के लिए अस्पताल में दो एमबीबीएस डॉक्टर एक महिला और एक पुरुष पदस्थ कर रखे हैं ,पूरा देश कोरोना  महामारी से घबराया हुआ है, ग्रामीण जनता इस बीमारी से और ज्यादा भयभीत है, रोजाना सर्दी खांसी के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है , शासन ने प्राइवेट क्लीनिक बंद करने के निर्देश दिए हैं ,इसलिए सभी मरीज स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का ही रुख कर रहे हैं बरमंडल  प्राथमिक  स्वास्थ्य स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत लगभग 20 से 25 गांव  और मजरा टोले  आते हैं  इसलिए शासन बरमंडल  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र  मैं  दो एमबीबीएस डॉक्टर ,महिला डॉक्टर डॉ .प्रियंका वर्मा (मेडिकल ऑफिसर) और पुरुष डॉक्टर डॉ. प्रकाश मारू को पदस्थ कर रखा है, साथ ही लगभग एक दर्जन के लगभग कर्मचारी पदस्थ है, शासन के स्पष्ट आदेश है कि, सभी डॉक्टर व कर्मचारी अपने मुख्यालय पर ही निवास करेंगे ,परंतु आज भी दोनों डॉक्टर अपने घर जो लगभग 60 से 100 किमी हैं वहीं से आना-जाना करते हैं, जबकि कोरोनावायरस के चलते स्वास्थ्य अमले को 24 घंटे अलर्ट पर रहने और मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरमंडल के हाल बेहाल

ग्रामीण जनता और मरीजों के द्वारा सुबह 10:00 बजे के लगभग डॉक्टर उपस्थित नहीं होने की जानकारी से अवगत कराया तो मीडिया कर्मियों के पहुंचने के बाद भी 9:00 बजे शुरू  होने वाली ओपीडी ,डॉक्टर नहीं आने के कारण 10:15 तक भी शुरू नहीं हो पाई थी उपस्थित  मरीजों  और परिजनों ने  बताया कि आज नहीं  हमेशा  का यही हाल है, मरीज जो आस-पास के गांव मजरो टोलो से आए थे, परेशान हो रहे थे, वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपने डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे थे अस्पताल में उस समय सिर्फ डीडीसी आशीष बैरागी  , फार्मासिस्ट अग्रिम कुमार चौंगड  , एएनएम सुनीता डामरे , अमृता पटेल व  स्वीपर मुन्नालाल शिंदे ही मौजूद थे,  अस्पताल में लगभग 25 से 30 मरीज  और  उनके परिजन  बाहर बैठे थे । सभी मरीज डॉक्टर का इंतज़ार कर रहे थे । यहां पदस्थ दो डॉक्टरों में से कोई भी डॉक्टर 10.15 तक अस्पताल नहीं पहुंचे थे । सभी निजी चिकित्सालय बन्द होने के कारण शासकीय अस्पताल में मरीजों की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है । उपस्थित  कर्मचारी भी यह नहीं बता पा रहे थे,  कि डॉक्टर कब तक अस्पताल पहुंचेंगे , इधर शासन ने लॉक डाउन कर रखा है, मरीज और परिजनों को  आने जाने में काफी परेशानी आ रही थी,  आसपास के गांवों से मरीज लगभग सुबह 7:00 बजे  से इलाज के लिए बैठे थे , परंतु उनकी ओपीडी पर्ची  10:00 बजे तक भी नहीं बन पाई थी  ,क्योंकि डॉक्टर ने अपने  कर्मचारियों को निर्देश दे रखे थे,  कि मेरे आने पर ही ओपीडी पर्ची बनाई जावे ,। मीडिया कर्मियों के पहुंचने और वरिष्ठ अधिकारियों को फोन लगाने पर जिले से लेकर तहसील स्तर के अधिकारी एक दूसरे पर जवाबदारी डालते नजर आए , फिर ताबड़तोड़  कर्मचारियों का  आना शुरू हुआ  और  लगभग  10:30 पर डॉ. प्रियंका वर्मा  अस्पताल पहुंची  और  उन्होंने  मरीजों का  इलाज शुरू किया ।आलम यह था कि डॉक्टर के आने पर मरीजों की भीड़ अस्पताल के अंदर आना  शुरू हो गई , किसी ने भी  सोशल डिस्टेंस का ध्यान नहीं रखा था,  तभी अस्पताल के कर्मचारी गोविंद  परमार  मार्कर पेन लेकर  गोल घेरा बनाने लगे , स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अस्पताल में  ना तो  मास्क उपलब्ध है, ना ही सैनिटाइजर  दूसरी बीमारियों की दवाईयां भी नाम मात्र की ही उपलब्ध है, ऐसे में  आम आदमी  का इलाज संभव नहीं है तो कोरोना जैसी महामारी  का इलाज   तो दूर की कौड़ी ही साबित होगी मुख्यालय पर निवास नहीं करना साथ ही अस्पताल समय पर नहीं पहुंचना इन कर्मचारियों की सजगता को दर्शाता है कि यह इस भयंकर महामारी से निपटने के लिए कितने तैयार हैं स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉक्टरों को अस्पताल में रहने के सख्त निर्देश है इसके बावजूद डॉक्टरों द्वारा समय पर ना आना विभागीय लापरवाही को दर्शाता है।

इनका कहना-

मुझे अभी आपके द्वारा ही जानकारी मिली है कि अस्पताल में डॉक्टर नहीं पहुंचे हैं मैं बीएमओ सरदारपुर को कहकर व्यवस्था करवाता हूं,

 डॉ. एस. के. सरल 
 सीएचएमओ धार

मैं तो नियमित अस्पताल आ रही हूं, और मुख्यालय पर ही निवास कर रही हूं, परंतु आज मेरा स्वास्थ्य खराब होने के कारण लेट हो गई हूं ,डॉक्टर प्रकाश मारू की माताजी का स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह नहीं आ पाए । 

डॉ. प्रियंका वर्मा
मेडिकल ऑफिसर 
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरमंडल

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरमंडल में डॉ. प्रियंका वर्मा व डॉ. प्रकाश मारू पदस्थ हैं, समय पर अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं तो कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में भी शौकाज नोटिस जारी किए गए थे। 

डॉ .शीला मुजाल्दा 
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर 
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरदारपुर

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