प्रशासनिक अधिकारी ही उड़ा रहे सोशल डिस्टेंट की धज्जियां
चालीस से अधिक लोगों की भीड इकट्ठी कर की जा रही थी बैठक
धामनोद (मुकेश सोडानी) - प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान के बाद 21 दीनों के लिए पूरे देश को लाॅक डाउन कर दिया गया लेकिन इसका परिपालन जनता को करवाना अधिकारियों के लिए चुनौती साबित हो गया है । 2 दिन तक तो पुलिस के खौफ से जनता ने बाहर निकलना बंद कर दिया लेकिन तीसरे दिन गुरुवार को नगर में चहल-पहल शुरू हो गई । हालांकि पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और घूम रही जनता को पूरी तरह से घरों में रहने का नियम का पालन करवाने में विफल रहे । पूरे दिन नगर में दोपहिया चालक सवार घूमते रहे । जो खौप मंगलवार और बुधवार को जनता में था वह गुरुवार को सिमट कर आधा रह गया । गलियों से लोग निकलने लगे एसडीओपी एन.के. कंसोटिया, तहसीलदार और अन्य अधिकारी सिर्फ नगर में भ्रमण करते रहे लेकिन बेवजह घूम रही जनता पर लगाम नहीं लगा पाए ।
प्रशाशनिक अधिकारीयों ने इकट्ठा कि नप के ज़िम्मेदार, सामाजिक कार्यकर्ता व मीडिया की भीड
गुरूवार को 11 बजे प्रशासनिक अधिकारियों ने जिम्मेदारों की एक बैठक रखी गई जिसकी पुरे क्षेत्र में शोशल मीडिया पर खुब आलोचना हुईं । बैठक मे नप अध्यक्ष, सीएमओ, पार्षद कर्मचारी, सामाजिक कार्यकर्ता, नायब तहसीलदार, एसडीओपी व तमाम पुलिस बल, मिडिया के सभी तकरीबन 40 लोगों से भी ज्यादा लोगों को इकट्ठा किया और लाॅक डाउन के नियमों कि खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई । खैर बैठक आगामी रूप-रेखा को लेकर थी लेकिन जनता को लाॅकडाउन का पालन करवाने वाले ख़ुद जिम्मेदार नियमों को ताक पर रखेंगे तो जनता को क्या संदेश जाएगा ।
हालांकि बैठक में स्थिति नियंत्रण के लिए वार्ड के माध्यम से प्रत्येक जनप्रतिनिधि को समझाइस देना थी । लेकिन बैठक को भीड़ में तब्दील करके नाकाम कर दी क्योंकि जहां पर बैठक बुलाकर जनप्रतिनिधि को बुलाया गया था उस पुराने नगर पंचायत भवन में ना तो कोई बैठने की व्यवस्था और ना ही हाथ धोने के लिए सैनिटाइजर की कोई व्यवस्था थी । बैठक में पहुंचे मीडिया कर्मी भी वहां(भीड़) की भयावह स्थिति देख उठकर रवाना हो गए।। कुछ मीडिया कर्मियों ने नायब तहसीलदार और अन्य पुलिसकर्मियों से कहा कि हम लोग नियमों का पालन कराने के लिए एकत्रित हुए हैं । जो कि उनके उपर लागु नही हो रहा था ।
ऐसे में निश्चित रूप से बीमारी के प्रकोप का बढ़ना तय है । देखते ही देखते बैठक से कुछ समाजसेवी भी उठ कर चले गए।
ऐसे हालात रहे तो 19 दिन कैसे निकलेंगे
मात्र दो दिन में ही स्थिति विपरीत हो गई यदि ऐसे ही हालात रहे तो प्रधानमंत्री के आह्वान का परिपालन होना मुश्किल होने लगेगा । अभी तो 19 दिन शेष है यदि प्रशासनिक अधिकारी ही लापरवाही से कार्य करते रहे तो आम जनता में सही संदेश जाना मुश्किल है ।
खचाखच भरी पुलिसकर्मियों की गाड़ियां
कोरोना वायरस के चलते एक जगह 4 लोग वह भी दूरी पर ही आपस में बात करें ऐसा फरमान जारी हुआ लेकिन पुलिसकर्मियों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ियां खचाखच भरी थी स्थिति यह थी कि गाड़ियों में बैठे हुए पुलिसकर्मी बिना मास्को के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में लग गए थे । जबकि वहां पर मौजूद एसडीओपी एनके कंसोटिया और थाना का कार्यभार संभाल रहे राजेंद्र भदौरिया उन्हें दूर एवं अलग अलग रखना मुनासिब नहीं समझा सकें ।
सुबह खुली थी सब्जी फल की दुकानें
सुबह 6:00 बजे से ही नगर में चहल-पहल का माहौल शुरू हो गया । किराना सामग्री के साथ-साथ सब्जियों की दुकानों पर भीड़ देखी गई । जरूरतमंद लोग समय से बाहर निकल कर अपना सामान खरीदते हुए दिखाई दिए । हालांकि 10:00 बजे तक बाजार सामान्य होने लगा तथा दुकानें बंद हो गई । लेकिन पुलिसकर्मी और अधिकारियों की अनदेखी के कारण लॉक डाउन तक ही सीमित गया ।
थाना प्रभारी चौधरी को ऐसे समय लाइन भेजना ठीक नहीं था
बड़े प्रकोप की समस्या से क्षेत्र जूझ रहा है ऐसे में थाना प्रभारी दिलीप चौधरी को लाइन भेज दिया गया जबकि वह विगत डेढ़ वर्षों से क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को अच्छे से समझते थे नगर के गणमान्य लोगों ने बताया कि ऐसी परिस्थिति में थाना प्रभारी को लाइन भेजना सही नहीं था उन्होंने थाना प्रभारी दिलीप चौधरी को पुनः धामनोद भेजने की मांग की इधर माहेश्वरी समाज के लोगों ने भी उच्च अधिकारियों को थाना प्रभारी चौधरी को वापस धामनोद भेजने के लिए मेल किया है
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