पेटलावद प्रशासन नगर परिषद की उदासीनता के कारण पंपावती नदी की दयनीय स्थिति
पेटलावद (संदीप बरबेटा) - शास्त्रों के अनुसार नदियां पवित्र मानी जाती है परंतु पेटलावद क्षेत्र की सबसे प्रमुख पंपावती नदी जिसका पानी अमृत के समान माना जाता है परंतु नगर की पवित्र पंपावती नदी भयंकर प्रदूषण के कारण दयनीय स्थिति में है नगर का सारा गंदा पानी इस नदी में मिल रहा है जोकि खेड़ापति हनुमान से लगाकर, मुक्तिधाम कानपुर रोड तक लगभग आधा किलोमीटर के क्षेत्र में नगर के गंदे नाले जिसमें नगर के समस्त घरों का गंदा पानी पंपावती नदी में मिल रहा है जिसके परिणाम स्वरूप यह पवित्र नदी अपना अस्तित्व खो कर बड़े नाले के रूप में प्रतीत हो रही है पंपावती नदी के किनारों पर पेटलावद क्षेत्र का प्रसिद्ध मेला भैरवनाथ मवेशी मेला ग्राउंड स्थित है जहां पर हजारों लोग परिवार सहित मेले में आते हैं तथा नदी के किनारों पर इमलीवाला झरा, तंबोली बावड़ी, दरगाह, नाथा जी का घाट, तेजाजी मंदिर, अति प्राचीन, रहस्यमय फूटा मंदिर स्थित है इन स्थानों पर प्रतिदिन लोग आते जाते रहते हैं।
परंतु इतनी गंदगी होने के कारण लोग प्रतिदिन बीमार होते रहते हैं आम जनता द्वारा बताया गया कि 15 वर्ष पूर्व हम गर्मी के दिनों में इस नदी में नहाते थे परंतु परिषद की सुनियोजित योजना नहीं होने के कारण नदी का गहरीकरण होने के पश्चात इस नदी का स्वरूप ही बदल गया है, सामाजिक ग्रुप मयूर मंच द्वारा भी इस नदी के एक स्थान पर मयूर- मोर हेतु जमीन आवंटित करने हेतु प्रयास किए गए, परंतु प्रशासन,नगर परिषद तथा जनप्रतिनिधियों उदासीनता के कारण इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जाता है पिछले 10 वर्षों में चुनावी मुद्दों में पंपावती नदी का गहरीकरण, सुंदरीकरण, स्वच्छता के मुद्दे को लेकर प्रतिनिधि चुनाव लड़ते हैं सामाजिक संगठनों तथा आम जनता का कहना है कि यदि नदी का सुंदरीकरण व्यवस्थित योजना के साथ किया जाए तो यह पेटलावद क्षेत्र का एक पिकनिक स्पोर्ट्स बन सकता है इस पवित्र नदी के किनारों पर कई मंदिर तथा दरगाह स्थित है।
Tags
jhabua