लॉक डाउन के कारण गरीबों पर भुखमरी का संकट | lock down ke karan garibo pr bhukmari ka sankat

लॉक डाउन के कारण गरीबों पर भुखमरी का संकट

लॉक डाउन के कारण गरीबों पर भुखमरी का संकट

डिडौरी (पप्पू पड़वार) - कोरोना की रोकथाम को लेकर लगाए गए लॉकडाउन से यहां का मजदूर तबका सबसे ज्यादा प्रभावित है। सामान्य और उच्चवर्ग के लोग लॉकडाउन में मिली ढील में घर का राशन खरीद पा रहे हैं लेकिन रोजाना मेहनत-मजदूरी करने वाले लोग पैसे न होने से भूखों मरने को मजबूर हैं। उसका काम बन्द हो चुका है, ऐसे में पैसे नहीं होंने से वे परेशान हैं। जिला डिंडौरी के समनापुर जनपद क्षेत्र चांदरानी ग्राम पंचायत अंतर्गत अमरैया टोला में लॉक डाउन होने के चलते छोपड़ी बनाकर गुजर बसर करने वाले मड़िया(बहेलिया) समुदाय के मजदूर इस समय रोजी रोटी के संकट में है। झोपड़ी में रहने वाले गरीब समनापुर जनपद मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर गाड़ासरई पहुंच मार्ग के करीब 8 झोपड़ी बनी है जिसमें परिवार के लगभग  आधा सैकड़ा लोग निवासरत हैं। 

लॉक डाउन के कारण गरीबों पर भुखमरी का संकट

चांदरानी पंचायत के उमरैया टोला  में ये गरीब मजदूर पिछले 20 साल से यहां झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं लेकिन पंचायत के जिम्मेदारों ने आज दिनांक तक इनकी कोई पूछ परख नहीं ली है, यहाँ तक की इन गरीबों के नाम राशन कार्ड तक जारी नहीं हुऐ हैं और न ही किसी वृद्ध को पेंशन मिल रहा है ।

 लाॅकडाउन स्थिति में प्रशासन की टीम उन तक अभी कोई मदद नहीं पहुंचा पाई है। वह गुहार लगा रहे हैं। उनके पास बचाव के लिए न सैनेटाइजर है और न ही मास्क हैं।

*पेट कहता है घर से बाहर निकलो, बाहर निकलते हैं तो कोरोना वायरस का डर सताता है*

कर्फ्यू-लॉकडाउन की खबरों के बीच कोई सबसे ज्यादा परेशान हैं तो वो हैं रोज़ाना कमा कर खाने वाले लोग, ये अनाज के लिए तरस रहे हैं,पर इनकी ओर किसी का ध्यान गया हो. 

ऐसे में झोपड़ी में रहने वाले परिवारों के यहां खाने की व्यवस्था नहीं है,बच्चे भूखे हैं लॉक डाउन के बाद इनकी हालत बिगड़ रही है, एक वक्त की रोजी रोटी को ये परिवार मोहताज हो रहे हैं। दो तीन दिन से भूखे प्यासे हैं. अभी तक कोई मदद नहीं मिली है पैसा है नहीं भूखे प्यासे मर रहे हैं ।

रामबाई का चूल्हा बुझा है, परेशान हैं काम है नहीं पति रोजाना मजदूरी करते हैं, उन्हें भी कुछ दिनों से काम नहीं मिला रोज 100-50 की मजदूरी मिल जाती थी तो खा लेते थे। कोई अब तेल-आटा दिलवा देते, भूखे बैठे हैं,।

गरीब गणेश सिंह कहते हैं, रोज की मजदूरी करके रोज खाने का काम है, अनाज कुछ नहीं है. गरीबों के लिये कोई तो व्यवस्था हो. एक किलो आटा लाकर खाने वाले लोग हैं हम तो, कैसे काम चलाएंगे.

इस बात को लेकर मीडिया ने चांदरानी सरपंच चंद्रभान सिंह से बात कर मौके पर बुलाने की कोशिश की तो उन्होंने दो टूक जवाब देते हुए कहा की मैं नहीं आ सकता कोरोना वायरस फैलाने का डर है।

*क्या कहते हैं अधिकारी*

अमरैया टोला के मजदूरों के बारे मुझे जानकारी नहीं सरपंच से जानकारी लेता हूँ अनाज एवं जरुरत की वस्तुएं पहुंचाया जायेगा 
एम.एल.धुर्वे 
जनपद सीईओ समनापुर

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