लापरवाह स्वास्थ विभाग बीएमओ
आमला (रोहित दुबे) - कोरेना वायरस संकट में सामुदायिक स्वास्थ केंद्र की लापरवाही कई बार उजागर होने के बाद भी सुधरने का नाम नही ले रहा आलम यह कि मैदानी महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता बिना साधन के कैसे सुरक्षित है। आज के इस भयानक कोरोना वायरस के डर से लोगो ने घर से निकलना बंद कर दिया है परन्तु मैदानी कार्यकर्ता जो कि ग्रामीण स्तर पर अपनी सेवाएं दे रही है महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एन एम के पास आज ना तो ,,,सेनेटाइजर है ना मास्क है । ना हेंड ग्लब्ज है ऐसे में उनकी सेवा में प्रश्न चिन्ह लगता है।।जब उनके पास ही उचित जो आज की जरूरत है, उन साधनों का अभाव है।ऐसे में वे स्वयं सुरक्षित नहीं है,जबकि वे बराबर अपनी सेवाएं ग्रामीण स्तर पर लगातार दे रही है।शासन के द्वारा बचाव के लिए जो साधन दिए गए है वे उनके पास होना चाहिए जो कि नहीं है।।गौरतलब होगा कि पिछले 1 वर्ष से अस्पताल प्रभारी बी एम ओ के भरोसे है इसलिए अस्पताल में मनमानी और अभद्रता के कई मामले हो चुके है ।और तो आज भी कोरेना वायरस जैसे महासंकट में शहर सहित बोरदेही, मोरखा उप स्वास्थ केंद्रों में लापरवाही का आलम है ।वही शहर सहित ग्रामीन अंचलों में झोलाछाप की बल्ले बल्ले है ।कारण यह है कि प्रभारी बी एम ओ द्वारा उन्हें खुला संरक्षण दिया जा रहा है।
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