जनता के नाम पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस (दीदी) की अपील
ताली, थाली, घंटा, शंख या कोई भी धातु से ही ध्वनि निकालें
ऑडियो की ध्वनि का अर्थ नहीं
बुरहानपुर (अमर दिवाने) - काँसा धातु व पीतल धातु से उत्पन्न ध्वनि सूक्ष्म ध्वनि तरंगे इलेक्ट्रो मैग्नेटिक ऊर्जा पैदा करती हैं। जिनका मान गीगा हर्ट्ज GHZ व टेरा हर्ट्ज THZ तक पहुँचता है,जब हम किसी काँसे के बर्तन को निर्धारित चोट से कम व ज्यादा जोर से बजाते हैं तो ध्वनि तरंगे कम से अधिकतम मोड में प्रवेश करती हैं, जो एक EM या इलेक्ट्रो मेगेनेटिक ऊर्जा क्षेत्र पैदा करती हैं, जिस क्षेत्र के सम्पर्क में आने से वायरस या विषाणु कंपन महसूस करता है, कोरोना वायरस की बाहरी मेम्ब्रेन बहुत ही कमजोर है जिससे इसे द्विपक्षीय ध्रुवीय क्षेत्र यानी dipole में आते ही वायरस का न्यूक्लियस टूटने लगता है तथा ये निष्क्रियता की तरफ बढ़ जाती है।
ज्ञात रहे कि 5 बजे के सांय समय में हमारे सनातन धर्म में पूजन व ध्वनि गर्जन घण्टा गर्जन, व शंखनाद किया जाता था, मृत्यु के समय प्राणी के घर पर शंखनाद किया जाता है, जिसका सीधा सीधा अर्थ जीवाणुओं का निष्क्रियकर्ण है।
माइक्रोवेव थ्रेशहोल्ड एनर्जी कंपन जो पीतल-काँसे के बर्तन को कम से तीव्रता की तरफ बजाते हुए पैदा की जाती है, इसी प्रकार शंख ध्वनि भी तीव्र थ्रेशहोल्ड पर बजा कर उच्च माइक्रोवेव तरंगे पैदा करती हैं, जो कंपन करके वायरस के आउटर सेल यानी बाहरी कवर को माइक्रोवेव इलेक्ट्रो मेगनेटिक किरणों से थरथराहट से तोड़ देती है।
अतः आज शाम 5 बजे सभी मिलकर अपने अपने घरों से कांसे के बर्तन व शंख से ध्वनि गर्जना उत्पन्न करें।
ये सब किसी ऑडियो की ध्वनि से उत्पन्न नहीं होने वाला, इसलिए कृपया ताली, थाली, शंख ही बजाएं।
*ताली और थाली का उद्देश्य-*
चिकित्सक एवं आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले लोग जो अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी सेवा में लगे है, उनके सम्मान में अपने-अपने घर के छत पर खड़े होकर ताली, थाली या घंट-घड़ियाल एवं शंख बजाकर उनका सम्मान करें।
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