आ अब लौट चलें, हजारों की संख्या में पलायन से लौट रहे गा्रमीणजन | Aa ab lot chale, hazaro ki sankhya main palayan se lot rhe graminjan

आ अब लौट चलें, हजारों की संख्या में पलायन से लौट रहे गा्रमीणजन

प्रशासन द्वारा न रोक टोक और ना ही उनकी स्वास्थ्य जांच करने की सुविधा

कहीं इनका पलायन से लौटना जिले को भारी नही पड जाय

आ अब लौट चलें, हजारों की संख्या में पलायन से लौट रहे गा्रमीणजन

झाबुआ (अली असगर बोहरा) -  प्रधानमंत्री के देश बंदी के आव्हान के साथ ही सम्पूर्ण देश में कफ्र्यू जैेसे माहौल दिखाई दे रहे है । सभी राज्य सरकारों ने एक तरह से अपनी सीमायें ही बंद कर दी है । जो जहां है वही रहने के निर्देश नियम लागू हो चुके है । ऐसे में झाबुआ जिले से सीमावर्ती राज्यों  गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, आदि से जिले की सीमा  को पैदल ही पार करके समुहों में आरहे है । हालांकी जिला प्रशासन  एवं पुलिस प्रशासन द्वारा सीमा पर पुलिस जवान तैनात करने के आदेश भी क्रियान्वित किये जारहे है , तथा पलायन से लौटने  वाले मजदुरों  को बेधडक आने दिया जारहा है  । झाबुआ जिला गुजरात, राजस्थान की सीमा से लगा हुआ जिला होकर  गुजरात एवं राजस्थान की सीमा से कोई वाहनों की वैकल्पिक व्यवस्था नही होने  के चलते ये गा्रमीण मजदुर पैदल ही बच्चों, महिलाओं के साथ जिले में अपने अपने गा्रमों में जाने के लिये समुहों में  पिटोल, काकनवानी, हरिनगर, बालवासा, आदि पाईंटो से जिले में आरहे है । सिर पर सामन रख कर यहां आने के सिवाय इनके पास कोई और चारा भी नही है ।

आ अब लौट चलें, हजारों की संख्या में पलायन से लौट रहे गा्रमीणजन

प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार ने विडियों कांफ्रेसिंग के जरिये आश्वस्त किया था  उनके द्वारा गुजरात सरकार से अनुरोध किया गया है कि गुजरात में  इस जिले के जो मजदूर  काम के लिये गये हुए है, उन्हे आगामी 21 दिनों तक वही रखा जावे । किन्तु बावजूद इसके इन लोगों के लिये गुजरात में भी समुचित व्यवस्था नही होने के चलते  ये लोग कोराना वायरस के बढते प्रभाव एवं गुजरात राजस्थान में घरों मे ही रहने की सख्ती के चलते  तथा वहां उनके घरों  आदि की सुविधा नही होने के चलते इनके द्वारा परिवार सहित वापसी की जारही है ।

आ अब लौट चलें, हजारों की संख्या में पलायन से लौट रहे गा्रमीणजन

बार्डर पार करके  आरहे इन लोगों के लिये  इन स्थानों पर  जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडीकल चेक अप किये जाने की बात तो कहीं जारही है किन्तु आम तौर पर जो दिखाई दिया उसके अनुसार  इन मजदूरों के लौटते वक्तबार्डर के चैक पाईण्ट पर मेडिकल चेकअप एवं स्क्रेनिंग किये जाने की व्यवस्था कहीं से कही तक नही दिखाई दी । जाहीर तौर पर यह आशंका व्यक्त की जारही है कि हजारों की संख्या में लौट रहे ये गा्रमीण कहीं गुजरात राजस्थान से अपने साथ कोराना वायरस लेकर नही आये हो । इन लोगों की मेडीकल जांच , स्केनिंग सुविधा नही होने के चलते तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा वहां जांच की सुविधा  की व्यवस्था के अभाव में ये गा्रमीण  धडल्ले से पलायन से  लौट रहे है । जिसके दूरगामी परिणाम कहीं विस्फोटक नही हो जाये तथा इसे नियंत्रित करना ही दुष्कर कार्य बन नही जाये ।

आ अब लौट चलें, हजारों की संख्या में पलायन से लौट रहे गा्रमीणजन

21 दिन के लाक डाउन की अवधि में शासन प्रशासन के नियम निर्देशों का पालन करना हर नागरिक का स्वयं की जान कहीं जोखिम में नही पड जाये इसके लिये जरूरी है। तथा अपने अपने घरों में ही सबो रहना अनिवार्य होने के बाद भी कइ्र आवार तत्व  भी दादागिरी के साथ बाईकों पर फर्राटे से दौडते हुए  दिखाई दे रहे है तथा ये लोग इस रोग की भयावहता को समझने को भी तेैयार नही है। ऐसे में पुलिस एवं प्रशासन को बिना किसी काम के सडकों पर घुमने वाले ऐसे आवारा तत्वों पर लगाम कसना भी जरूरी दिखाई दे रहा है । क्योकि हाल ही में भोपाल इन्दौर एवं उज्जैन में कोराना वायरस के चलते लोगों की मृत्यु होने की खबरे भी समाचारों में सामने आरही हे । ऐसे में जरूरी है कि सडकों पर बिना काम के घुमने वाले ऐसे लोगों पर कठोरतम कदम उठाये जावे ताकि स्थिति नियंत्रण में रह सकें । जिले पलायन से वापस लौट रहे मजदूरों के मेडिकल चैकअप आदि को लेकर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. बीएस बारिया से  चर्चा करके वस्तुस्थिति जाननी चाही तथा गुजरात राजस्थान की सीमा से हजारों की संख्या में पलायन से लौटे मजदूरों के बारे में पुछा गया तो उनका कहना था कि बेरियर पर विभाग द्वारा 10 डाक्टरों को डेप्यूट किया हुआ है  । जो लोग इधर उधर से निकल कर मेघनगर पहूंच कर मेघनगर पहूंच गये है वहां उनकी मेडिकल जांच की जारही है, 30-40 लोग थांदला में आये है उनकी जांच की जारही है, रानापुर में कुछ लोग आगये ही उनकी जांच करवाई जारही है ।हमे जहां पता चल रहा है वहां हम मेडीकल टीमों को भेज कर जांच करवा रहे है । गुजरात वालों को इन मजदुरों को रोकना चाहिये किन्तु वे इन्हे यहां आने दे रहे हे । मुख्यमंत्री शिवराजसिंह जी एवं मुख्य सचिव ने भी विडियों कांफ्रेसिंग में कहा है कि वे गुजरात सरकार से बात करेगें तथा जो जहां है वही रहे इसके लिये व्यवस्था के लिये अनुरोध किया गया हेै। जहां तक बिना मास्क लगाये लोगों के आने का सवाल है, यह उन्हे  ही सोचना है कि जीवन से बडी कोई चिज नही है। जैसे जेैसे हमे खबर लग रही है हमारे द्वारा डाक्टरों को को डेप्यूट किया जाकर पूरी सावधानी एवं सतर्कता से काम किया जारहा है । स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में पलायन से लौट रहे मजदूरों के लिये  पूरी व्यवस्था हर जगह कमी हुई है ।

आ अब लौट चलें, हजारों की संख्या में पलायन से लौट रहे गा्रमीणजन

देशव्यापी लाॅक आउट के चलते आदिवासी अंचल झाबुआ जिले में महानगरों से भी अधिक सुरक्षा एवं सतर्कता बरतनी बहुत ही आवश्यक है । जिले मे अभी तक कोरोना वायरस के केसेस होने की पुष्टि तो नही हुई है किन्तु विशेषज्ञो ं की बातों को सही माने तो यदि कोरोना वायरस की चैन याने श्रृंखला को नही तोडा गया तो तय है कि यह महामारी विकराल स्वरूप धारण करने में देर नही लगायेगी। ऐसे में गुजरात, राजस्थान आदि जगहों से लौट रहे  प्रत्येेक गा्रमीण मजदूरों की मेडिकल जांच एवं स्केनिंग कराने के लिये स्वास्थ्य विभाग को  कदम उठाना जरूरी है ।

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