संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों ने समस्याओं को लेकर विधायक पटेल को सौंपा ज्ञापन
आलीराजपुर (रफीक क़ुरैशी) - जिले के संविदा अधिकारी और कर्मचारियों ने समस्याओं को लेकर मंगलवार को विधायक मुकेश पटेल को ज्ञापन सौंपा। जिस पर विधायक मुकेश पटेल ने उनकी मांगो के संबंध में तत्काल मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया। सौंपे गए ज्ञापन में संविदा अधिकारी व कर्मचारियों ने बताया कि संविदा पर विभिन्न योजनाओं में विभागों में अधिकारी और कर्मचारियों को नियमित करने के लिए वचन पत्र में नियमित करने व सेवा बहाली का वचन देकर सरकार बनने के 3 माह के भीतर क्रियान्वयन के लिए आश्वस्त किया गया था। बल्कि नियमित कर्मचारियों को सांतवां वेतनमान, बड़ा हुआ वेतनमान, महंगाई भत्ता आदि सुविधाएं भी देने की बात कही थी। लेकिन आज तक इस विषय पर कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए हैं। जबकि वचन पत्र में शामिल अन्य बिन्दुओं पर सकारात्मक कदम उठाए गए हैं, जिससे लोगांे को लाभ मिला है। संविदा कर्मचारियों व अधिकारियों के नियमितीकरण की बात उठती है तब जिला स्तर पर प्रगति का बहाना बनाकर विभिन्न प्रकार से संविदा कर्मचारीयों को प्रताड़ित किया जाता है व मनमाने ढंग से सेवा से पृथक कर दिया जाता है। गौरतलब है कि विगत दिनों मनरेगा कमिश्नर शिल्पा गुप्ता मेडम द्वारा वीसी में सभी जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को कहा गया कि संविदा कर्मचारियों को तत्काल बाहर करे, कोई नोटिस, कोई एससीएन देने की आवश्यकता नही है। जरूरत पड़े तो इनकी संविदा अनुबंध को भी मार्च के बाद न बढ़ाया जाए। जबकि मुख्यमंत्री द्वारा संविदा कर्मचारीयों के संबंध में स्पष्ट कर दिया गया है कि अब किसी प्रकार से संविदा कर्मचारीयों को बाहर नही निकाला जाएगा और पूर्व सरकार द्वारा निष्कासित किए गए संविदा कर्मीयों की भी बहाली की जाएगी एवं इस बाबत् आदेश भी जारी कर दिए है। उल्लेखनीय है कि विगत 15-20 वर्षो से संविदा पर कार्यरत कर्मचारीयों को प्रगति का हवाला देकर सेवा से अचानक पृथक कर दिया जाता है, जो कि न्यायोचित नही है। जिले के कट्ठीवाड़ा ब्लाक के स्वच्छ भारत मिशन ब्लाक समन्वयक नाथुसिंह अवास्या को प्रगति का हवाला देकर नौकरी से बरखास्त कर दिया गया है, जो मुख्यमंत्री के आदेश की अवहेलना को प्रदर्शित करता है। संविदा अधिकारी कर्मचारी संघ के विनय जायसवाल, विक्रमसिंह रावत, सरदारसिंह डावर, मधु किराड, दिनेश वास्केल, हरसिंह अवास्या, रजला ठकराव आदि ने संविदा कर्मचारियों की न्यायोचित मांग पर गंभीरतापूर्वक विचार कर निष्कासित कर्मचारी को अविलंब बहाल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की मांग की।
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