संत रविदास जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई | Sant ravidass jayanti bade harshollas ke sath manai
संत रविदास जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई
कल्याणपुरा (अली असगर) - संत रविदास जयंती रविवार को कल्याणपुरा में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई रविदास समाज ने गाजे बाजे के साथ बड़े ही धूम धाम से जुलुश निकाला गया ।जुलुश में बड़े बचे बुड़े व महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिसा लिया , जुलुश रविदास कालोनी से होकर ग्राम के मुख्य मार्गो से होता हुआ रविदास कालोनी में समापन किया समाज द्वारा सामूहिक भव्य आरती करि साथ ही महाप्रसादी वितरण की गई, रविदास समाज की छोटी छोटी बालिकाओ ने अपने सिर पर कलश रख कर ग्राम भृमण करा, काशी में जन्मे रविदास (रैदास) का समय 1482-1527 ई. के बीच हुआ माना जाता है। हर साल माघ मास की पूर्णिमा तिथि पर इनकी जयंती मनाई जाती है। जूते बनाने का काम उनका पैतृक व्यवसाय था। आज बड़ा चांदगंज स्थित संत रविदास मंदिर में विशेष आयोजन होंगे। संत रविदास की पूजा अर्चना कर उनके विचारों से लोगों को अवगत कराया जाएगा। साथ ही आप जानेंगे संत रविदास की ऐसी कुछ बातें जिन्हें सुनकर निराश व्यक्ति से कोसों दूर चली जाती है।
संत के 40 सबद गुरूग्रंथ में:
संत रविदास ने सभी को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने की सीख दी। संत रविदास भगवान कृष्ण की परमभक्त मीराबाई के गुरु थे। मीराबाई उनकी भक्ति भावना से प्रभावित होकर उनकी शिष्या बन गई। संत रविदास का मानना था कि अभिमान और बड़प्पन का भाव त्यागकर विनम्रतापूर्वक व्यवहार करने वाला व्यक्ति ही ईश्वर का भक्त हो सकता है। कार्यक्रम में रविदास समाज के नाहरसिंग जी बाबू लाल मुछेड़िया, मोहन मुछेड़िया, भूरालाल, दादू लाल मुछेड़िया लक्षमण मुछेड़िया राजेह ,वीनू,नर्सिंग मोहन,व रविदास समाज के सभी जन उपस्थित रह कर कार्यक्रम सम्पन किया।
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