मेरे गीत गजल मोहब्बत का खूबसूरत पैगाम | Mere geet gazal mohabbat ka khubsurat pegam
मेरे गीत गजल मोहब्बत का खूबसूरत पैगाम
न कोई मुहूर्त न मौसम प्यार का लेकर खुदा का नाम शुरुआत कीजिए-डॉ रामशंकर चंचल
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - वैलेंटाइन डे की पूर्व संध्या पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद के बैनर तले प्रख्यात साहित्यकार डॉ रामशंकर चंचल की ताजा प्रेम कृति ’मेरे गीत गजल‘ का अद्भुत विमोचन हुआ। विमोचन में युवा कपल को आमंत्रित किया गया। सर्वश्री अफरोज मो परवीन,हिमांशु, मुक्ता त्रिवेदी, अविनाश, मनीषा डोडियार, समय पूनम यादव, भावेश, ऐश्वर्या त्रिवेदी के कर कमलों से कृति का विमोचन हुआ। प्रारंभ में मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई तत्पश्चात विमोचन के बाद डॉ राम शंकर चंचल ने कहा प्रेम ईश्वर का वरदान है, यह एक पवित्र और पावन शब्द है। जहां प्रेम है वहां सुख-सुकून है। हमें मानव मात्र, पशु-पक्षी सभी से प्रेम करना चाहिए । मानवता सबसे बड़ा धर्म है। इसी सोच को लेकर मैंने अपनी इस कृति का आज विमोचन किया है। मैं चाहता हूं कि मेरा यह पैगाम जन-जन तक पहुंचे । मनुष्य को जीवन में छल-कपट, जलन, ईष्र्या या नफरत को कोई जगह नहीं देना चाहिए। प्रेम ही सुख सुकून का मंत्र है यह कहते हुए डॉक्टर चंचल ने अपनी कृति के कुछ शेर भी सुनाएं। आमंत्रित सभी अतिथियों ने इस खुबसूरत पहल की सराहना की और कहा कि आज नितांत आवश्यकता है कि हम प्राणी मात्र और पशु पक्षी सभी से प्रेम करें । अंत में श्रीमती उषा चंचल ने सभी अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट किए और आभार भेरु सिंह चैहान तरंग ने किया।
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