हम हिन्दू है या मुस्लिम है तू इतना जान ले दुश्मन, हमारी कौम हिंदुस्तान पर मरना सिखाती है | Hum hindu hai ya muslim tu itna janle dushman

हम हिन्दू है या मुस्लिम है तू इतना जान ले दुश्मन, हमारी कौम हिंदुस्तान पर मरना सिखाती है

हम हिन्दू है या मुस्लिम है तू इतना जान ले दुश्मन, हमारी कौम हिंदुस्तान पर मरना सिखाती है

थांदला (कादर शेख) - अमरशहीद चन्द्रशेखर "आज़ाद" के बलिदान दिवस 27 फरवरी को थांदला में राष्ट्रीयता पर आधारित कवि सम्मेलन स्थानीय आज़ाद चोक में सम्पन्न हुआ । राष्ट्रीय मंचो पर काव्य पाठ कर चुके आमंत्रित कविगणों ने राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत काव्यपाठ का ऐसा समा बांधा की श्रोतागण रात्रि 2.30 बजे तक जमे रहे । 

आज़ाद बलिदान दिवस स्मृति में तहसील पत्रकार संघ एवं "आज़ाद भूमि परिवार" द्वारा प्रतिवर्ष स्वास्थ्य शिविर व राष्ट्रियता पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते है ।
            
हम हिन्दू है या मुस्लिम है तू इतना जान ले दुश्मन, हमारी कौम हिंदुस्तान पर मरना सिखाती है

        *कवीयों ने बांधा समा*

महेश्वर के विररस के कवि नरेंद्र अटल ने अपने काव्यपाठ में सीमाओं पर देश की रक्षा कर रहे वीर जवानों पर अपने काव्य के अनेक पाठ किये व खूब दाद बटोरी, उनके *सदा ये परवरिश करके रहना सीखाती है, जमी माँ है हमारी गर्व से चलना सिखाती है । हम हिन्दू है या मुस्लिम है तू इतना जान ले दुश्मन, हमारी कौम हिंदुस्तान पर मरना सिखाती है ।*

कविसम्मेलन के सूत्रधार हास्य कवि सुरेंद्र सर्किट उज्जैन ने *करू करबद्ध निवेदन माँ भारती के हर लाल से, करना रक्षा राष्ट्र के सम्मान की चाहे लगे बाजी जान की ।* संचालन व अपने हास्य काव्य से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया  ।

कोटा राजस्थान के वीररस के कवि रूपसिंह हाड़ा ने *सियासी दाव पेचों में मेरी वर्दी को मत बाटो अभी तक बैठे हो जिस डाली पर उसे मत काटो, मुझे सरहद पर रहने दो सियासी तीर मत दागों, मुझे हद में ही रहने दो मेरी तासीर मत बाटो ।* इस रचना पर खूब दाद बटोरी ।

ब्यावर राजगढ़ के गीतकार कुमार सम्भव की राष्ट्रीयता के साथ धार्मिक रचना को भी श्रोताओं ने खूब सराहा 

हम हिन्दू है या मुस्लिम है तू इतना जान ले दुश्मन, हमारी कौम हिंदुस्तान पर मरना सिखाती है

*प्यार का व्याकरण पूज्य घनश्याम है । भूमिका, भावना मूल्य घनश्याम है ।। कामिनी ने मैदान से यह कह दिया । राधिका के बिना शून्य घनश्याम है ।।*

गीतों व गजलों की रानी चित्तौड़ की कवयित्री कीर्ति विशेष ने राष्ट्रीयता के साथ माँ सरस्वती वंदना की शुरुआत कर *प्रीत की रीत को में निभाने लगी दर्द में आजकल मुस्कराने लगी, जबसे तेरी वफा का सहारा मिला गीत में प्यार के गुनगुनाने लगी ।* अपने गीतों से श्रोताओं को बांधे रखा । 

राजपुर के वीररस कवि अपूर्व शुक्ला ने *कोई ईशा के हामी है कोई कुरान वाले है कोई नानक को माने तो कोई भगवान वाले है, किया है सामना मिलकर के हमने हर मुसीबत का किसी भी धर्म से पहले हम हिंदुस्तानी है ।* धर्म, जाती व राष्ट्र पर आधारित इस रचना ने दर्शकों का मन मोह लिया ।

पाकिस्तान व चीन के गठजोड़ पर चीन को टारगेट बनाते हुए हास्य कवि भरत पंड्या तराना ने व्यंगात्मक शैली में कहा *मिच मिचो तुम मान जाओ मारे जाओगे, भारत के वीर जवानों से तुम लड़ न पाओगे ।* इस रचना से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया ।

कायथा के हास्य कवि नरेंद्र नखेत्री ने छोटी-छोटी हास्य रचनाओं से श्रोताओं को हँसाकर लोटपोट कर दिया, उनकी  *चिड़िया-चिड़ा* की रचना पर श्रोताओं ने खूब दाद दी ।

अनेक बढ़े मंचो पर काव्यपाठ कर चुके पैरोडी के स्थानीय युवा कवि आशीष नागर की रचना *सूरज के वंदन से पहले धरती का वंदन करता था, इस पावन मिट्टी को अपने माथे का चंदन करता था । को दर्शकों ने काफी सराहा ।

कवि सम्मेलन के आयोजन के मुख्य सूत्रधार राष्ट्रीय स्तर के मंचो पर पाठ करने वाले सरफराज भारतीय थाण्थांदलवी की रचना *चाहे गगन में परवाज रखना बेशक तू सर पर ताज रखना, अपना फर्ज न भूलना कभी तिरंगे की तू सदा लाज रखना ।* पर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी ।

      *माल्यार्पण से हुई शुरुआत*

कवि सम्मेलन के शुभारम्भ के पूर्व अमरशहीद चन्द्रशेखर "आज़ाद" की प्रतिमा पर अतिथिगण समाजसेवी विश्वास सोनी, नगर पंचायत अध्यक्ष बंटी भाई डामर, तहसील पत्रकार संघ अध्यक्ष मुकेश अहिरवार, कमलेश जेन, हरीश पांचाल, राजेश वैद्य व समस्त कविगणों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई। 
   *कविगणों का किया ध्यान आकर्षित*

आज़ाद भूमि परिवार व आयोजन के  संस्थापक वरिष्ठ पत्रकार कुन्दन अरोड़ा ने स्वागत भाषण करते हुए सभी कवीयों का ध्यान इस बात की ओर आकर्षित किया कि "आज़ाद" की जन्मभूमि के विवाद का हल तो होकर भाभरा को आजादनगर केंद्र सरकार ने घोषित कर दिया परन्तु "आज़ाद" की जन्मतिथि आज भी विवाद का विषय बनी हुई है । उन्होंने मय दस्तावेजी प्रमाणों के साथ कहा कि सम्पूर्ण देश मे आज़ाद की जन्मतिथि 23 जुलाई को मनाई जाती है परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तरप्रदेश में आज भी आज़ाद की जन्मतिथि 7 जनवरी को मनाई जाकर इसे विवाद का विषय बना रखा है । यही नही वहां हर स्थानों के शिलालेखों पर भी जन्मतिथि 7 जनवरी अंकित की गई है जिसमे सुधार आवश्यक है । उन्होंने कविगणों से आग्रह किया है कि इस विषय पर वे राष्ट्रीय मंचो पर अपने काव्यपाठो के माध्यम से केंद्र व उत्तरप्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित करे जिससे भावी पीढ़ी गुमराह न हो ।
आयोजन का संचालन पत्रकार व क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता राजेश वैद्य द्वारा किया गया । कवि सम्मेलन के समापन में दो मिनिट का मौन रखकर अमर शहीद आज़ाद को श्रद्धांजलि दी गई ।

        *शिविर का हुआ समापन*

आज़ाद बलिदान दिवस स्मृति में प्रतिवर्ष आयोजको द्वारा स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया जाता है । इस वर्ष भी रोटरी क्लब अपना मेघनगर के सहयोग से 23 फरवरी से 27 फरवरी तक 5 दिवसीय आल बॉडी चेकअप शिविर आयोजित किया गया था इस शिविर का शुभारंभ वरिष्ठ भाजपा नेत्री श्रीमती संगीता विश्वास सोनी, डॉ मनीष दुबे, डॉ कमलेश परस्ते, एसडीओपी एमएस गवली व रोटरी क्लब के भरतभाई मिस्त्री, लायन बीएल गुप्ता द्वारा किया गया था । इस शिविर का समापन 27 फरवरी को किया गया ।
     
      *निदान शिविर 5 मार्च को* 

सम्पूर्ण बॉडी चेकअप शिविर में क्षेत्र के 90 लोगो के जांच हेतु ब्लड के सेम्पल लिए जाकर बॉम्बे लेबोरेटरी में रोटरी क्लब के माध्यम से भेजे गए है । 5 मार्च को जांच रिपोर्ट व उसके निदान के लिए स्थानीय चिकित्सालय में निदान शिविर आयोजित किया जाएगा जिसमे रिदम हार्ट चिकित्सालय बड़ोदा गुजरात के विशेषज्ञ चिकित्सको द्वारा संबंधितों को निदान हेतु परामर्श दिया जाएगा ।

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