गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की शिकायतों का निराकरण करने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी | Grah nirman sahkari sansthao ki shikayato ka nirakran

गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की शिकायतों का निराकरण करने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी
उज्जैन (रोशन पंकज) - मध्य प्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम-1960 के अन्तर्गत प्रदेश में 2900 से अधिक गृह निर्माण सहकारी संस्थाएं पंजीकृत हैं। विगत कुछ समय से गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं द्वारा अपने सदस्यों को भूखण्ड आवंटित न करने, वरिष्ठता क्रम का अतिक्रमण कर कनिष्ट सदस्य को भूखण्ड आवंटित करने आदि अनेक प्रकार की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। राज्य शासन के निर्देश पर संभागायुक्त एवं जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के सम्बन्ध में प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु अभियान चलाया जा रहा है। पंजीयक एवं सहकारिता आयुक्त श्री एमके अग्रवाल ने इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी करते हुए आग्रह किया है कि प्राप्त शिकायतों का निराकरण वैधानिक तथा प्रशासनिक आधार पर पृथक-पृथक किया जाये।

​जारी किये गये पत्र में कहा गया है कि सोसायटी एवं सदस्य के बीच का विवाद निराकरण वैधानिक आधार पर सहकारिता विधान की धारा-64, धारा-19, धारा-58, धारा-53 के तहत विचार उपरान्त युक्तियुक्त आदेश से किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि प्रशासनिक आधार पर निराकरण योग्य शिकायतें जिनमें भूखण्डों की रजिस्ट्री करा दी गई है किन्तु उसका भौतिक कब्जा नहीं दिया जा रहा है, रजिस्ट्रीकृत भूखण्ड पर अतिक्रमण किया गया है, संस्था द्वारा भूखण्ड आवंटन नहीं किया गया है या निर्धारित राशि से अधिक राशि की मांग की जा रही है, ऐसी सभी शिकायतें सहकारिता विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों का संयुक्त दल बनाकर निराकृत की जाना चाहिये। सहकारिता आयुक्त ने अनुरोध किया है कि गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की शिकायतों के निराकरण एवं दोषी पदाधिकारियों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करते समय विधिक प्रावधानों का ध्यान रखा जाये।

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