भोपाल में ई-केवाईसी न कराने पर खतरे में राशन: 10 दिन में सुधार नहीं किया तो कट जाएगा नाम name Aajtak24 News


भोपाल में ई-केवाईसी न कराने पर खतरे में राशन: 10 दिन में सुधार नहीं किया तो कट जाएगा नाम name Aajtak24 News 


भोपाल - मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सरकारी राशन प्राप्त करने वाले लाखों लाभार्थियों के समक्ष एक गंभीर संकट मंडरा रहा है। जिले के चौंकाने वाले 2 लाख 18 हजार से अधिक राशन कार्ड धारकों ने अभी तक अपना अनिवार्य ई-केवाईसी (e-KYC) अपडेट नहीं कराया है। प्रशासन ने इन लाभार्थियों को सख्त चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यदि अगले 10 दिनों के भीतर उन्होंने अपनी पहचान सत्यापित नहीं कराई, तो उन्हें उचित मूल्य की दुकानों (राशन की दुकानें) से राशन मिलना बंद हो जाएगा और उनके नाम सरकारी पोर्टल से स्थायी रूप से हटा दिए जाएंगे। यह संकट तब गहराया है जब जिले में 12 अप्रैल से एक विशेष ई-केवाईसी अभियान चलाया गया था। इस अभियान का लक्ष्य 228861 लाभार्थियों की पहचान को डिजिटल रूप से सत्यापित करना था। हालांकि, निर्धारित समय सीमा बीतने के करीब है और अब तक 218831 लाभार्थी इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को पूरा करने में विफल रहे हैं। प्रशासन इस व्यापक उदासीनता से चिंतित है और इसे अंतिम चेतावनी के रूप में ले रहा है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने इस स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए यह भी स्पष्ट किया है कि जो लाभार्थी पिछले चार महीनों से लगातार राशन नहीं ले रहे हैं, उनके नाम भी पोर्टल से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस श्रेणी में वे लोग शामिल हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है, विवाहित महिलाएं जो अब दूसरे स्थानों पर निवास कर रही हैं, या जो स्थायी रूप से पलायन कर चुके हैं। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल वास्तविक और पात्र लाभार्थियों तक ही पहुंचे। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, भोपाल की जिला पंचायत सीईओ ईला तिवारी ने संबंधित अधिकारियों को ई-केवाईसी अभियान में तेजी लाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने अधिकारियों को घर-घर जाकर लोगों की पहचान सत्यापित करने का आदेश दिया है। इसके लिए प्रत्येक वार्ड में विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो नागरिकों से संपर्क कर उन्हें ई-केवाईसी की प्रक्रिया और इसके महत्व के बारे में जागरूक कर रही हैं।

नागरिकों के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया को सुगम बनाया गया है। लाभार्थी अपने क्षेत्र की किसी भी उचित मूल्य की दुकान पर जाकर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से आसानी से अपना ई-केवाईसी करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, उन बुजुर्गों या बच्चों को जिनकी उंगलियों के निशान लेने में कठिनाई होती है, उनके लिए फेस रीडिंग ऐप की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। प्रशासन ने एक समर्पित ई-केवाईसी लिंक (https://qt.ltd/FOODMP/JyITbt) भी साझा किया है, ताकि नागरिक इस प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें। यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर लाभार्थी अपना ई-केवाईसी अपडेट नहीं कराते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। उनका राशन कार्ड निष्क्रिय (डिएक्टिवेट) कर दिया जाएगा, जिससे वे सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाले अन्य लाभों से भी वंचित हो सकते हैं। जिन परिवारों की पहचान सत्यापित नहीं होगी, वे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) से स्वतः ही बाहर हो जाएंगे, जिससे उन्हें रियायती दरों पर खाद्यान्न मिलना बंद हो जाएगा।

इस व्यापक स्तर पर ई-केवाईसी न कराने के पीछे कई सवाल उठ रहे हैं। क्या यह प्रशासनिक स्तर पर जागरूकता की कमी या विफलता का परिणाम है? क्या गरीब और अनपढ़ वर्ग को इस प्रक्रिया के बारे में पर्याप्त रूप से सूचित और शिक्षित किया गया है? क्या तकनीकी अड़चनों के कारण भी कुछ पात्र लाभार्थी इस प्रक्रिया से वंचित रह गए हैं? इन सवालों पर विचार करना और भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए कदम उठाना आवश्यक है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, भोपाल प्रशासन ने सभी हितग्राहियों से पुरजोर अपील की है कि वे अंतिम तिथि से पहले अनिवार्य रूप से अपना ई-केवाईसी करा लें, ताकि उन्हें सरकारी राशन और अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ निर्बाध रूप से मिलता रहे। प्रशासन विशेष रूप से गांवों और स्लम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जागरूक करने के लिए अपने अभियान को और तेज कर रहा है, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया से छूट न जाए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि तकनीकी और जागरूकता संबंधी चुनौतियों का समाधान किया जाए ताकि लाखों गरीब परिवारों को राशन के अधिकार से वंचित न होना पड़े।

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