पीएम आवास योजना सर्वे की अंतिम तिथि 15 दिन बढ़ी, वंचितों को मिलेगा लाभ labh Aajtak24 News


पीएम आवास योजना सर्वे की अंतिम तिथि 15 दिन बढ़ी, वंचितों को मिलेगा लाभ labh Aajtak24 News 

नई दिल्ली - प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PM Awas Yojana) के तहत चल रहे लाभार्थी सर्वे की अंतिम तिथि को 15 दिन और बढ़ा दिया गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने इस संबंध में सभी राज्यों को सूचित कर दिया है। पहले इस सर्वे की अंतिम तिथि 30 अप्रैल, 2025 निर्धारित की गई थी, जिसे अब बढ़ाकर 15 मई, 2025 कर दिया गया है। इस विस्तार का उद्देश्य योजना के तहत पात्र लाभार्थियों का व्यापक सत्यापन सुनिश्चित करना और अधिक से अधिक जरूरतमंद परिवारों को इस महत्वपूर्ण आवास योजना में शामिल करना है।

इस सर्वे के माध्यम से, योजना के तहत योग्य लाभार्थियों की पहचान की जा रही है और उनके नाम अंतिम सूची में शामिल किए जा रहे हैं। मंत्रालय ने सभी राज्यों को सर्वे कार्य नियमित रूप से जारी रखने के निर्देश दिए हैं ताकि कोई भी पात्र परिवार इस योजना के लाभ से वंचित न रहे।

जीविका परिवारों का भी होगा विशेष सर्वे:

इस बार के सर्वे में एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि जीविका (राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन) से जुड़े परिवारों का भी विशेष रूप से सर्वे किया जाएगा। ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव ने सभी उप विकास आयुक्तों को पत्र लिखकर इस संबंध में अवगत कराया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा किए गए अनुरोध के बाद यह निर्णय लिया गया है।

इसका मुख्य उद्देश्य सतत जीविकोपार्जन योजना से संबद्ध आवास की आवश्यकता वाले परिवारों को पीएम आवास योजना का लाभ पहुंचाना है। इसके तहत, सतत जीविकोपार्जन योजना से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) अथवा अन्य सभी योग्य परिवारों का सत्यापन करते हुए उनके नाम भी लाभार्थी सूची में शामिल किए जाएंगे। यह कदम सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आवास उपलब्ध कराने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

जिलेवार संकलन और सत्यापन प्रक्रिया:

विभिन्न जिलों में अब तक सर्वे के माध्यम से एकत्रित किए गए लाभार्थियों के आंकड़ों को जिला मुख्यालयों को भेजा जाएगा। मुजफ्फरपुर जिले की बात करें तो, अब तक लगभग तीन लाख 66 हजार से अधिक लाभार्थियों के नाम सूची में शामिल किए जा चुके हैं।

सूची को अंतिम रूप देने से पहले एक त्रि-स्तरीय सत्यापन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसके तहत, ब्लॉक स्तर पर ब्लॉक विकास अधिकारी (BDO) द्वारा 10 प्रतिशत डेटा का सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद, जिला स्तर पर 2 प्रतिशत डेटा का सत्यापन किया जाएगा। इस गहन सत्यापन प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक और योग्य लाभार्थियों के नाम ही अंतिम सूची में शामिल हों और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या अपात्रता को दूर किया जा सके। सत्यापन प्रक्रिया के दौरान चिन्हित किए गए फर्जी लाभार्थियों को सूची से हटा दिया जाएगा और उसके बाद अंतिम सूची बनाकर मुख्यालय को भेजी जाएगी। मुख्यालय से मंजूरी मिलने के बाद, सभी जिलों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे।

पहली बार सेल्फ सर्वे का विकल्प और तकनीकी का उपयोग:

प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर मोदी सरकार ने इस बार एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। पहली बार, लाभार्थियों को स्वयं सर्वेक्षण करने का विकल्प दिया गया है। इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए, ग्रामीण विकास मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा 'आवास प्लस 2024' और 'आवास सखी' नामक मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किए गए हैं।

इन ऐप्स को उपयोगकर्ताओं की पहुंच बढ़ाने के लिए लगातार अपग्रेड किया जा रहा है। शुरुआत में, जहां सर्वे केवल हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में ही किया जा सकता था, वहीं अब इन ऐप्स पर आठ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को भी शामिल किया गया है। इन नई भाषाओं में पंजाबी, बंगाली, गुजराती, मराठी, तमिल और ओडिया शामिल हैं। इस बहुभाषी सुविधा से लाखों लाभार्थियों को इस सर्वे में भाग लेने में आसानी होगी और भाषा की बाधा दूर हो सकेगी।

मंत्रालय ने भविष्य में ऐप को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए इसमें और क्षेत्रीय भाषाएं जोड़ने की योजना भी घोषित की है। इसके साथ ही, सभी राज्यों को इन ऐप्स की लोकप्रियता बढ़ाने और अधिक से अधिक लोगों तक इनकी जानकारी पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार करने के निर्देश दिए गए हैं। पहले, केवल दो भाषाओं तक सीमित होने के कारण कई पात्र लोगों को सर्वे में भाग लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, ऐप को डिजाइन किया गया है ताकि उपयोगकर्ता इसे आसानी से नेविगेट कर सकें और अपनी जानकारी दर्ज कर सकें।

आवास सहायकों की भूमिका और प्रशिक्षण:

सर्वे प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, सरकार ने आवास सहायकों को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। इन सहायकों को लाभार्थियों को ऐप का उपयोग करने के तरीके के बारे में मार्गदर्शन करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। वे ऐप संचालन से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी उपयोगकर्ता कुशलतापूर्वक ऐप का उपयोग कर सकें और सर्वे प्रक्रिया में भाग ले सकें।

प्रधानमंत्री आवास योजना: एक परिचय:

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) भारत सरकार द्वारा संचालित एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG) और मध्यम आय वर्ग (MIG) के लोगों को सुरक्षित, सस्ते और सुलभ आवास उपलब्ध कराना है। इस योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी और इसका विजन 2022 तक सभी को आवास प्रदान करना था। अब इस योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है ताकि कोई भी पात्र परिवार आवास से वंचित न रहे।

इस योजना के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग घटक शामिल हैं:

  • शहरी क्षेत्रों के लिए (PMAY-U): यह घटक शहरी गरीबों और कामकाजी वर्ग के लोगों को किफायती घर उपलब्ध कराने पर केंद्रित है। इसके तहत विभिन्न उप-योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जैसे कि क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS), साझेदारी में किफायती आवास (AHP), लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण (BLC) और इन-सीटू स्लम पुनर्विकास (ISSR)।

  • ग्रामीण क्षेत्रों के लिए (PMAY-G): इस घटक का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब और बेघर परिवारों को पक्के आवास उपलब्ध कराना है। इसके तहत लाभार्थियों को घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

पीएम आवास योजना की मुख्य विशेषताएं:

इस योजना के तहत लाभार्थियों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं और सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिनमें गृह ऋण पर ब्याज सब्सिडी और सरकारी जमीन पर घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता प्रमुख हैं।

  • सब्सिडी: योजना के अंतर्गत, पात्र लाभार्थियों को गृह ऋण पर ब्याज दर में महत्वपूर्ण छूट प्रदान की जाती है, जिससे उनके लिए घर खरीदना या बनाना अधिक किफायती हो जाता है।

  • आर्थिक सहायता: लाभार्थियों को आवश्यक निर्माण सामग्रियों की खरीद के लिए भी आर्थिक सहायता मिलती है, जिससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण आवास बनाने में मदद मिलती है।

  • आवास निर्माण/सुधार: यह योजना न केवल नए घर बनाने के लिए सहायता प्रदान करती है, बल्कि पुराने और जीर्ण-शीर्ण घरों की मरम्मत या सुधार के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान करती है, ताकि सभी को सुरक्षित और रहने योग्य आवास मिल सके।

पीएम आवास योजना के सर्वे की अंतिम तिथि को 15 दिन बढ़ाने का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है। यह न केवल अधिक पात्र लाभार्थियों को इस योजना में शामिल होने का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि जीविका से जुड़े जरूरतमंद परिवारों को भी लाभान्वित करेगा। सरकार द्वारा तकनीकी का उपयोग और व्यापक सत्यापन प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंचे और सभी को सुरक्षित तथा सम्मानजनक आवास मिल सके। अब यह महत्वपूर्ण है कि सभी संबंधित विभाग और लाभार्थी इस विस्तारित अवधि का सदुपयोग करें और सर्वे प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें ताकि 'सबके लिए आवास' का लक्ष्य साकार हो सके।

Post a Comment

Previous Post Next Post