अतिथि विद्वानो का आंदोलन जारी
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - पिछले 83 दिनों से भोपाल के शाहजहाँनी पार्क में अतिथि विद्वानों का आंदोलन मोर्चा के संयोजक डाॅ. सुरजीत सिंह भदोरिया और डाॅ. देवराज सिंह के नेतृत्व में चल रहा है। जिसमें झाबुआ जिले के अतिथि विद्वान भी भागीदारी निभा रहे हैं। 19 फरवरी को सरकार की इस लाचार व्यवस्था के खिलाफ महिला अतिथि विद्वान डाॅ. शाहिन खान द्वारा अपने केश का त्याग किया गया। लेंकिन शासन प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा वहाँ नहीं आया। जिससे खिन्न होकर तथा सरकार की निर्दयता को देखते हुए 28 फरवरी को पुनः महिला अतिथि विद्वानों द्वारा मुंडन करवाया जाएगा। इससे पूर्व 12 फरवरी 2018 को भाजपा के शासनकाल में डॉ.पार्वती व्याघ्रे द्वारा जब मुंडन कराया गया था। तब वर्तमान उच्च शिक्षा मंत्री वहां आए थे,और कहा था कि,भारतीय संस्कृति की परंपरा में जब भी कोई महिला मुंडन करवाती है, तो उस सत्ता का सर्वनाश हो जाता है। लेकिन आज उनके ही शासनकाल में एक महिला ने मुंडन करवाया। वहीं स्वर्गीय संजय कुमार जी की पत्नी लालसा देवी अपने पति का अस्थि कलश लेकर 6 दिनों से पंडाल में बैठी है। जिनको सरकार के द्वारा कोई मदद नही की गई। इतिहास के अतिथि विद्वान शंकर लाल खरवाडिया ने बताया कि, मंत्री जी के पास बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के सेमिनार कार्यक्रम में जाने का समय है, लेकिन अतिथि विद्वानों के लिए उनके पास कोई समय नहीं है। अभी पुनः जारी चॉइस फिलिंग में इतिहास जैसे विषय में शून्य पद दिखा रहे हैं, वही दूसरे विषयों में तीन या चार पद ही ओपन हो रहे हैं। जबकि मंत्री जी 15 दिन में सबको अंदर लेने की बात कह रहे हैं। एक तरफ वे नियमितकरण की बात करते है, और दूसरी तरफ युवा पीढ़ी का जीवन बर्बाद करने वाली अतिथि अतिथि विद्वान व्यवस्था को जारी रखे हुए हैं।
झाबुआ जिले से आंदोलन में शामिल अतिथि विद्वानों में शंकरलाल खरवाडिया,राजेश कुमार पाल, प्रवेश जाटव,मान सिंह चैहान,दल्लू सिंह वास्केल, दीपसिंह मावी, मिनाक्षी माली, मिनल मोहनिया, डॉ.संगीता राठौर, डॉ.अर्चना मिश्रा, मारुत नायक, निवृत्ति दुबे आदि है।
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