विशेष सत्र में भड़के विधायक-केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए ट्रायबल सबप्लान को शुरु करने की मांग की | Vishesh satr main bhadke vidhayak

विशेष सत्र में भड़के विधायक-केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए ट्रायबल सबप्लान को शुरु करने की मांग की

विशेष सत्र में भड़के विधायक-केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए ट्रायबल सबप्लान को शुरु करने की मांग की

झाबुआ (अली असगर बोहरा) - विधानसभा का विशेष सत्र 16 जनवरी और 17 जनवरी को सपन्न हुआ, जिसमें आर्थिक आधार पर आरक्षण को लेकर मुद्दे पर विशेष बात की गई। विशेष सत्र में 17 जनवरी को झाबुआ विधायक पीएससी परीक्षा में भील समाज पर पुछे जाने वाले प्रश्नो पर और ट्राइबल सबप्लान को बंद करने को लेकर केंद्र सरकार पर भड़क उठे। विधानसभा के विशेष सत्र में झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया ने केंद्र सरकार को अपनी गर्जना सुनाई, और टाइबल सबप्लान को बंद करने पर यह बताया कि ट्रइबल सब प्लान को बंद करने का मतलब आदिवासी के विकास से खिलवाड़ करने जैसे है। विधायक भूरिया, माननीय प्रधानमंत्री से मिलकर ट्राइबल सबप्लान को फिर से शुरु करवायेगे और आदिवासियों के विकास के लिए हर दम प्रयास करेगे। जो कि हर आदिवासी का हक़ है, और इस हक़ को वो प्रत्येक आदिवासी को दिलवा कर रहेगे। विधायक भूरिया ने पीएससी परीक्षा में भील जनजाति पर पुछे जाने वाले प्रश्नों पर आक्रोश जताते हुए गद्यांश सिलेक्ट करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही कर उनको हटाने की गुहार भी लगाई है। साथ ही साथ विधानसभा में सभी को अवगत करवाया कि, आदिवासी को अपमानीत करते हुए भील जनजाति पर पुछे गये प्रश्न से आदिवासी परीक्षार्थी का मन आहत हुआ, और वे ठीक से परीक्षा नहीं दे पाये। हालांकि, ट्रइबल सबप्लान में खुद विधायक भूरिया ने बताया कि जब वो मंत्री थे तब उन्होने आदिवासी विकास के लिए करोड़ो रुपये ट्राइबल क्षेत्रो में पहुंचाये है, मगर केंद्र सरकार जो कि आदिवासी से भेदभाव कर रही है, और इसी भेदभाव की वजह से इस ट्राइबल सबप्लान को बंद किया है।
बहरहाल, झाबुआ विधायक भूरिया, प्रधानमंत्री से मिलकर ट्राइबल सबप्लान को फिर से शुरु करवाने का ठान बैठे है वहीं विधानसभा के विशेष सत्र में भूरिया ने उन अधिकारियो को भी हटाने की मांग की जिसने भील जनजाति पर अपमानजनक प्रश्न पीएससी परीक्षा में पुछ लिये।

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